खंडवा: खंडवा पुलिस ने एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया जो कभी सीबीआई अधिकारी तो कभी नेता बनकर लोगों से रुपए ऐंठने का काम करता था। मोघट थाना पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर उसे गिरफ्तार किया है। आरोपी ठग के घर से पुलिस को मप्र शासन, गृह सचिव, स्वास्थ्य विभाग और अन्य संस्थाओं के दस्तावेज बरामद किए है। फर्जी तरीके से इन विभागों के दस्तावेज उसने बना रखे थे। हाल ही में वन विभाग की ओर से रॉयल्टी वसूलने के लिए भी उसने फर्जी लेटर बनाया था। पुलिस ने आरोपी के घर छपा मार कर वायरलेस सेट , पिस्टल , और फर्जी नियुक्ति पत्र सहित परिचय पत्र भी मिले।पुलिस ने आरोपी अनिरुद्ध मोतेकर को रिमांड पर लेकर और पूछताछ कर रही हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपी से अभी और सनसनीखेज खुलासे कर सकता हैं।
खंडवा पुलिस ने आनंद नगर स्थित फर्जी सीबीआई अधिकारी अनिरुद्ध मोतेकर के मकान पर दबिश देकर यहां से वायरलेस सेट ओर कहीं फर्जी दस्तावेज जप्त कर हिरासत में लिया। मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ शिव दयाल सिंह ने बताया कि आरोपी ने आनंद नगर में आलीशान ऑफिस और मकान बना रखा था, यही से वह लोगों के साथ ठगी का धंधा करता था।आरोपी अनिरुद्ध मोतेकर कभी सीबीआई अधिकारी तो कभी महाराष्ट्र का नेता भी बन जा था।
आरोपी ने प्रदेश के कई नेताओं के साथ अपने फोटो भी लगा रखे थे। पुलिस के मुताबिक अनिरुद्ध ने सीजेएम के फर्जी दस्तावेज बना कर जेल से ककैदी को रिहाई का ऑडर भी जारी किया था। हालांकि ये मामला अभी जाँच में हैं।
खंडवा पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कई लोगों से शिकायतें मिल रही थी कि अनिरुद्ध मोतेकर ने उनके साथ ठगी की है। इसके बाद पुलिस ने उसकी हरकतों पर नजर रखी। ओर CSP ललित गठरे और मोघट थाना पुलिस ने अनिरुद्ध के घर पर दबिश दी। कमरे की सर्चिंग करने पर पुलिस अधिकारियों को यहां मिले दस्तावेजों ने पुलिस को चौंका दिया। एसपी शिवदयाल सिंह ने कहा कि नौकरी दिलवाने, इंश्योरेंस दिलवाने के नाम पर ठगी करने का आरोप अनिरुद्ध पर है। उसने फर्जी मार्कशीट भी तैयार की है। तीन लोगों की अब तक शिकायतें मिली है। इनसे जालसाजी करके करीब दो लाख रुपए लिए हैं।
मुख्य रुप से अनिरुद्ध के कमरे से जिस तरह के दस्तावेज मिले हैं वे काफी चौका देने वाले हैं। सरकारी विभागों के लेटरपेड जो उसने फर्जी तरीके से बना रखे थे। इसके साथ ही सीबीआई अधिकारी बनकर भी उसने कुछ लोगों से ठगी की है। वह खुद को सीबीआई का अधिकारी बताता था। इसके अलावा मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों से भी पहुंच बताकर उनसे काम करवाने के नाम पर रुपए लेता था। अनिरुद्ध पर धोखाधड़ी करने का केस दर्ज किया गया है। लेटरपेड, आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है।