नडियाद (खेड़ा) : गुजरात पुलिस ने 2000 रुपए के नकली नाेट छाप रही एक गैंग का पर्दाफाश कर स्वामीनारायण संप्रदाय के एक साधु, गैंग के मुख्य सूत्रधार समेत 5 लाेगाें काे गिरफ्तार किया है। गैंग अब तक 1.26 करोड़ रु. कीमत के नकली नाेट छाप चुकी है। इनसे 70 लाख रु. के नकली नोट बरामद हुए हैं। ये नकली नाेटाें की डिलीवरी प्रसाद के बाॅक्स में करते थे, ताकि किसी काे शक न हाे। सूरत डीएसपी (क्राइम ब्रांच) राहुल पटेल ने बताया कि साधु की पहचान राधारमण स्वामी के रूप में हुई है। राधारमण खेड़ा जिले के अंबाव-सुखी के मुवाड़ी स्थित आश्रम का स्वामी है। यह मंदिर स्वामीनारायण संप्रदाय के वडताल मंदिर के अधीन है। मंदिर 4 साल से निर्माणाधीन है। पिछले दो महीने से यहां सूरत के लोगों का अाना-जाना बढ़ गया था, लेकिन धर्मस्थल होने से किसी ने गाैर नहीं किया ।
वह जाली नोट के मामले में 10 बार पहले भी पकड़ा जा चुका है। उसके खिलाफ गुजरात में 10 मामले दर्ज हैं। राजस्थान-महाराष्ट्र पुलिस भी उसे पकड़ चुकी है। उसका बेटा कालू भी इसी धंधे में लगा था। ये दोनों स्वामी के कमरे में जाली नोट छापते थे। प्रवीण के दाेस्त मोहन वाघुरडे, प्रतीक चोडवडिया काे भी गिरफ्तार किया गया है। प्रवीण का दूसरा बेटा फरार है। बताया जाता है कि स्वामी राधारमण ने 11 साल की उम्र में दीक्षा ले ली थी। वह यावल गांव, जलगांव (महाराष्ट्र) मूल का है। वह 15-20 साल से अंबाव गांव (खेड़ा) में रह रहा था।
वडताल के चेयरमैन देवप्रकाशदास स्वामी ने कहा कि मुवाड़ी स्थित आश्रम का वडताल ट्रस्ट से कोई लेना-देना नहीं है। मंदिर अाैर उसका ट्रस्ट निजी है।
यूं खुली पाेल
सूरत पुलिस ने कामरेज क्षेत्र के प्रतीक से 2 हजार रुपए के 203 नकली नोट (मूल्य 4.06 लाख रुपए) जब्त िकए थे। पूछताछ में प्रतीक ने प्रवीण चाेपड़ा का नाम बताया अाैर पूरी गैंग का पर्दाफाश हो गया। गैंग ने नवरात्रि से जाली नोट छापना शुरू किया था।