मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों की कर्जमाफी का मु्द्दा उठाते रहते हैं। वह अपनी जनसभाओं में कमलनाथ सरकार पर कर्ज माफी के नाम पर किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाते रहते हैं।
इसके जवाब में कांग्रेस ने एक सूची जारी की है जिसमें कहा गया है कि शिवराज के भाई और रिश्तेदारों का भी कर्ज माफ किया गया है।
सूची में शिवराज के गांव जैत के भी कई लोगों के नाम शामिल हैं। यह सूची सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है।
सूची में जिन किसानों का कर्ज माफ हुआ है उनमें शिवराज के भाई रोहित सिंह चौहान और उनके सगे चाचा के बेटे निरंजन सिंह का नाम भी शामिल है। यह सूची कमलनाथ सरकार के कृषि मंत्री सचिन यादव ने जारी की है।
यादव ने ट्विटर पर कर्ज माफी को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाई रोहित सिंह चौहान और चाचा के बेटे निरंजन सिंह का भी कर्ज “जय किसान ऋण माफी योजना” में माफ हुआ। शिवराज जी को जब अपने परिवार की ही कर्ज माफी का पता नहीं है और प्रदेश के किसानों की बात कर रहे है, शिवराज जी अब तो झूठ फैलाना बंद कीजिए।’
पूर्व सांसद अरुण यादव ने भी शिवराज पर हमला करते हुए कहा कि सच को छुपाया नहीं जा सकता।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘शिवराज सिंह और भाजपा का झूठा पाखंड एक बार फिर जनता के सामने उजागर हुआ, शिवराज सिंह के परिवार और उनके गृह ग्राम जैत के किसानों का कर्ज “जय किसान ऋण माफी योजना” में हुआ माफ। झूठ की उम्र बहुत कम होती है और सच को छुपाया नही जा सकता।’ कांग्रेस सरकार किसानों की सरकार।’
कांग्रेस के दावे पर शिवराज ने कहा, ‘मेरे परिवार ने कर्जमाफी के लिए कभी आवेदन नहीं किया। मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को धोखा दिया। भाई ने फॉर्म ही नहीं भरा तो कर्जमाफी कैसे हुई।’ उन्होंने कांग्रेस के दावे पर सवाल उठाए हैं।
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी ने कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के साथ 21 लाख किसानों के कर्ज माफी के प्रमाण पत्र को लेकर शिवराज के घर पहुंचे थे और उन्हें 50 से ज्यादा बंडल सौंपे। चौहान को प्रमाण पत्र सौंपते हुए उन्होंने कहा कि वह चुनावी सभाओं में लगातार झूठ बोल रहे हैं।
पचौरी ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किसानों के कर्ज माफी का जो वादा किया है उसे पूरा कर रही है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वह किसानों को सभाओं में गलत जानकारी न दें। हम आपको प्रमाण पत्र दे रहे हैं इनका परीक्षण करवा लें।