लोकसभा चुनाव के दौरान किसान कर्ज़माफ़ी के मुद्दे पर घिरी रही कमलनाथ सरकार के खिलाफ अब किसान आंदोलन खड़ा हो रहा है।
भारतीय किसान यूनियन कर्ज़माफ़ी सहित किसानों की अन्य समस्याओं के समर्थन में आज से मध्य प्रदेश में तीन दिन की हड़ताल कर रहे हैं।
इस आंदोलन में भारतीय मज़दूर किसान संघ शामिल नहीं है। महासंघ अध्यक्ष शिव शर्मा ने कहा कि सीएम से बात करने के बाद अगला कदम उठाएंगे।
कमलनाथ सरकार लोकसभा चुनाव में हार के सदमे से अभी उबर भी नहीं पाई की अब किसान चुनौती दे रहे हैं। पांच महीने पुरानी कमलनाथ सरकार के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन ने मोर्चा खोल दिया है।
यूनियन तीन दिनों का आंदोलन शुरू कर रहा है। इसमें कर्ज़माफी, समर्थन मूल्य बढ़ाने, व्यापारियों की तरह किसानों को उपज का दाम तय करने जैसे मुद्दे शामिल हैं।
यूनियन का आरोप है कि कर्ज़माफ़ी का फायदा किसानों को नहीं मिल रहा है। बैंक भी मदद नहीं कर रहे हैं। अगर सरकार के पास पैसे नहीं है तो किसानों को बता दे।
किसानों की नाराज़गी में बीजेपी ने भी सुर में सुर मिलाना शुरू कर दिया है। बीजेपी कह रही है कि किसानों के मुद्दे पर सत्ता में आई कांग्रेस, कुर्सी पर बैठते ही किसानों की समस्या से भाग खड़ी हुई। किसान कर्जमाफी सिर्फ दिखावा साबित हुई।
किसानों के दूसरे धड़े राष्ट्रीय किसान मज़दूर महासंघ ने इस आंदोलन से खुद को अलग रखा है।
महासंघ के नेता शिवकुमार शर्मा उर्फ कक्काजी का बयान आया है कि वो किसान यूनियन के इस आंदोलन में शामिल नहीं हैं।
किसानों की समस्याओं को लेकर एक प्रतिनिधि दल सीएम कमलनाथ से दोपहर 12 बजे मुलाकात करने वाला है। उसके बाद आगे का फैसला किया जाएगा।
फिलहाल किसान मज़दूर महासंघ 1 से 5 जून तक आंदोलन की तैयारी कर रहा है। अगर मुख्यमंत्री से वार्ता विफल रही तो फिर आगे की रणनीति तय की जाएगी।