पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में कई बड़े फैसलों पर मुहर लगी है। मीटिंग में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की अवधि को 12वीं पंचवर्षीय योजना से बढ़ाकर 2019-20 तक कर दिया है। इस योजना के तहत नए एम्स का निर्माण और सरकारी मेडिकल कॉलेजों का अपग्रेड किया जा रहा है। इस योजना के लिए 14,832 करोड़ रुपये का वित्तीय आवंटन निर्धारित किया है। मंत्रिमंडल ने इसके अलावा कई और योजनाओं की स्वीकृति दी है।
नए एम्स की स्थापना से न केवल स्वास्थ्य शिक्षा में बदलाव लाया जा सकता है, बल्कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े पेशेवरों की कमी से भी निपटा जा सकेगा। कैबिनेट ने कई राज्यों में एम्स बनाए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। नए एम्स के निर्माण के साथ इनका परिचालन और रखरखाव का खर्च पूरी तरह से केंद्र सरकार वहन करती है। इसके अलावा केंद्र और राज्यों के बीच हिस्सेदारी के आधार पर अस्पतालों में आधुनिक ब्लॉक और ट्रॉमा सेंटर के निर्माण तथा उपकरणों की खरीद तथा नई सुविधाओं का विकास किया जाता है।
सरकार की तरफ से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में इसकी सूचना दी गई है। इसके अलावा यह भी बताया गया है कि नए एम्स के निर्माण से करीब 3000 से ज्यादा लोगों को रोजगार प्राप्त हो सकेगा। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई दिल्ली के नजफगढ़ में 100 बिस्तरों के सामान्य अस्पताल निर्माण को मंजूरी दी है। इस पर 95 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च आएगा।
कैबिनेट मीटिंग में कारोबारी विवाद के शीघ्र निपटारे के लिए कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है। ईज ऑफ डुइंग बिजनस में भारत की रैंकिंग को और बेहतर करने के लिए यह कदम उठाया गया है। ईज ऑफ डुइंग बिजनस इंडेक्स वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी किया जाता है। इसमें कारोबारी विवादों को निपटाने में सरकार की भूमिका के आधार पर रैंकिंग तय की जाती है।
मीटिंग में देश के चार एयरपोर्ट को अपग्रेड करने पर भी सहमति बनी है। इनमें लखनऊ, चेन्नै और गुवाहाटी के एयरपोर्ट शामिल हैं। लखनऊ में 88,000 स्क्वेयर मीटर का एक और टर्मिनल बनाया जाएगा। इससे स्थानीय और इंटरनैशनल ट्रैफिक को हैंडल करने में आसानी होगी। इसके अलावा चेन्नै और गुवाहाटी एयरपोर्ट पर भी नए टर्मिनल बनाने की योजना को अनुमति मिली है।
मंत्रिमंडल ने कृषि क्षेत्र में छतरी योजना ‘हरित क्रांति-कृषोन्नति योजना’को जारी रखने की स्वीकृति दी है। योजना की अवधि को 12वीं पंचवर्षीय योजना से बढ़ाकर 2019-20 तक कर दिया है। 11 योजनाओं को हरित क्रांति उन्नति योजना के अंतर्गत लाई गई है। इस योजना के लिए 33,273 करोड़ रुपये तय किए गए हैं।
इसके अलावा कैबिनेट ने इंडियन पेट्रोलियम एक्सप्लोसिव्स सेफ्टी सर्विस (आईपीईएसएस) के नाम से पेट्रोलियम ऐंड सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (पीईएसओ) के तकनीकी कैडर के तहत ग्रुप ‘ए’ सेवा के गठन एवं कैडर समीक्षा को मंजूरी दी। इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया और साउथ अफ्रीकन इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के बीच आपसी मान्यता समझौते को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने 14वें वित्त आयोग की शेष अवधि के दौरान बहुक्षेत्रीय विकास कार्यक्रम को प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के रूप में जारी रखने के लिए कार्यक्रम के पुनर्गठन को स्वीकृति दी। साभार / एजेंसी