डिंडौरी : डिंडौरी जिले में कृषि विभाग के अधिकारी मस्त तो पस्त। किसानो को सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओ का लाभ पाने के लिये दर दर भटकना पड़ रहा है और अधिकारी ए सी दफ्तरों में बैठकर आश्वासन पे आश्वासन दिये जा रहे है डिंडौरी में कुछ दिन पहले ही मटियारी गांव में एक किसान बैल न मिलने पर अपनी पत्नी के साथ खुद खेत में जुत गया था तो शहपुरा विकासखंड के मोहनी गांव में बैल न होने पर पिता अपने दो नाबालिक बेटो के साथ खेत में खुद ही जुत गया था और अब एक किसान बलराम तालाब योजना का लाभ पाने को सालों से अधिकारियो के चक्कर लगाकर थक गया है
बजाग विकास खंड के खरगहना गांव के किसान संतोष राजपूत को 2015 में कृषि विभाग द्वारा बलराम तालाब बनाने का कार्यादेश जारी किया गया था। किसान का आरोप है कि बलराम तालाब बन जाने के बाद भी उसे विभाग द्वारा मिलने वाली अनुदान राशि 80000 रुपये दो साल बाद भी नहीं मिल रही है। वर्ष 2016 में कृषि अधिकारी से लेकर कलेक्टर तक को शिकायत की 10 बार जनसुनवाई में गया लेकिन उसको अनुदान राशि नहीं मिली लिहाजा किसान ने मजबूर होकर मुख्यमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर शिकायत की। किसान के पास 2016 को प्रधानमन्त्री कार्यालय से पत्र आया जिसमे लिखा हुआ है कि चीफ सेकेट्री मध्यप्रदेश संतोष कुमार राजपूत की समस्या का समाधान करवाये इसके बाद भी एक वर्ष गुजर जाने के बाद भी किसान को अनुदान राशि नहीं मिली किसान का आरोप है कि बलराम तालाब में काम करने वाले मजदूर उसे मजदूरी के लिये परेशान कर रहे है वह कर्जदार।
संतोष कुमार राजपूत सिस्टम से परेशान होकर अब घर में बैठ गया है इस मामले में जब उप संचालक कृषि पी डी सराठे से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि किसान ने बलराम तालाब योजना की गाइड लाइन के तहत काम नहीं किया होगा इसलिये उसे अनुदान राशि नहीं मिली है किसान से संपर्क कर उसे लाभ दिलाया जायेगा।
रिपोर्ट @दीपक नामदेव