दिल्ली के जंतर-मंतर पर लगभग पिछले दो महीनों से प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों को प्रशासन का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए अपना ही मलमूत्र खाना पड़ रहा है। इन किसानों के नेता पी. अय्याकान्नू समेत दस लोगों ने रविवार को अपना मलमूत्र खाने का कठोर कदम उठाया।
पी. अय्याकान्नू ने बताया कि हमने सुबह के समय प्लास्टिक के बैगों में मलमूत्र इकट्ठा कर लिया और फिर उसे खाया। हमारे यहां सूखा पड़ा जिसका हमें कोई पैकेज नहीं दिया जा रहा, खराब मौसम के कारण हमारी फसलें खराब हो गईं जिसके बाद हमें उसका मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है, हम किसानों का कर्ज माफ करने से मना कर दिया गया। यहीं कारण है कि केंद्र सरकार ने हमें इस स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है कि अब हमें अपना मलमूत्र खाना पड़ रहा है।
किसानों का कहना है कि अपने इस प्रदर्शन को हाई लेवल पर ले जाने के लिए वे सोमवार को इंसान का मांस भी खाने वाले हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार अय्याकान्नू ने कहा कि हम दिल्ली में अपनी मांगों को पूरा करने के लिए प्रदर्शन करते हुए मंगलवार को नग्नावस्था में पीएमओ तक मार्च करेंगे। बता दें कि तमिलनाडू से आया किसानों का यह ग्रुप उस समय सुर्खियों में आया था जब इन्होंने एक अलग अंदाज में सांप और चूहों को खाते हुए प्रदर्शन किया था।
बता दें कि नेशलन साउथ इंडिया रिवर्स इंटरलिंक फारमर्स एसोसिएशन के बैनर तले यहां जुटे किसानों ने जुलाई में सरकार से कुछ नई मांगें जोड़ी हैं, जिनमें कावेरी नदी प्रबंधन बोर्ड का गठन और किसान पेंशन (5000 रुपए प्रतिमाह) जैसी मांगें शामिल हैं। इसके अलावा पहले से चले आ रहे तमाम मुद्दों को उन्होंने दोबारा उठाया है। मसलन फसलों की खरीद मूल्य लागत मूल्य से ज्यादा रखने, नेशनल वाटर वेज प्रोजेक्ट में एसी कामराज की अगुआई वाली समिति की सिफारिशें लागू करने की मांग वे पहले भी उठाते रहे हैं। ये किसान कर्ज माफी, सूखा राहत पैकेज को संशोधित करने और उत्पादों के लिए बेहतर समर्थन मूल्य की मांग कर रहे हैं।