मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां सूबे के किसानों ने सिवानी, माल्वा और बानापुर रेलवे ट्रेक को ब्लॉक कर दिया। साथ ही मगंलवार (20 जून, 2017) को ट्रेनों की आवाजाही को भी बुरी तरह से बाधित किया। वहीं एक अन्य घटना में सूबे के दो किसानों के कथित तौर पर आत्महत्या करने की खबरें हैं।
राज्य लगातार किसानों के विरोध प्रदर्शन और हिंसा की आग में जल रहा है। दरअसल किसान फसलों का उचित मूल्य दिए जाने और कर्जमाफी के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। खबर के अनुसार होशंगाबाद जिले के किसान बाबू वर्मा (40) ने बीते दिनों आत्महत्या कर ली थी।
जबकि 65 साल की लक्ष्मी गोमास्ता ने नरसिंहनगर जिले में जहर खाकर आत्महत्या कर ली। घटना बीते सोमवार की है। जानकारी के लिए बता दें कि 6 जून को मध्य प्रदेश के मंदसौर में शुरू हुए किसान आंदोलन में अबतक 17 लोग आत्महत्या कर चुके हैं। सभी फसलों की उचित कीमत दिए जाने और कर्जमाफी की मांग कर रहे थे।
वहीं केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर निशाना साधते हुए कहा कि फसल कर्ज माफी इन दिनों एक फैशन बन गया है। भाजपा नेता ने आगे कहा कि किसानों को लोन माफी में जरूर छूट दी जानी चाहिए लेकिन अत्यधिक खराब परिस्थितियों में। उन्होंने कहा कि कर्ज माफी किसानों की भलाई के लिए आखिरी समाधान नहीं है।
वहीं किसान कर्ज माफी से जुड़े नायडू के बयान का विरोध करते हुए सीपीआई (एम) के लीडर सीतारम येचुरी ने कहा कि पिछले तीन सालों में 36 से 40 हजार किसान आत्महत्या कर चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय मंत्री द्वारा लोन माफी का फैशनेबल बताना हमारे अन्नदाताों का अपमान है।