मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में किसान अपनी मेहनत से लगाईं टमाटर की फसल के भाव नहीं मिलने से मंडी में ही फेक कर चले जा रहे है। हालात यह है की मंडी में चारो तरफ टमाटर पड़े हुए है। ट्रक खड़े है कोई लेने वाला नहीं।
दरअसल अचानक टमाटर के भाव में मंदी आ गई है। पिछले हफ्ते प्रति कैरेट टमाटर 120 से 150 के बीच भाव मिल रहा था। लेकिन अभी यह भाव 10 रुपये से लेकर 15 रुपये प्रति कैरेट मिल रहे है। ऐसे में किसान भाव न मिलने से परेशान हो कर मंडी में ही टमाटर फेंक चले गए।
खण्डवा में पंधाना रोड स्थित सब्जी मंडी में कहीं किसान टमाटर फेंक गए यह आवारा मवेशियों का आहार बन रहे है। खण्डवा सब्जी मंडी मे रोजाना करीब 100 से अधिक किसान लगभग एक हजार क्विंटल टमाटर लेकर पहुंच हैं।
लेकिन एक सप्ताह से किसानों को टमाटर का सही भाव नही मिल रहा है। 10 से 15 रुपए प्रति कैरेट के भाव लगाने पर किसान इसे बेचने के बजाय फेकना मुनासिब समझ रहे है। हालत यह है की मंडी में जिधर नजर जाती है, टमाटर ही टमाटर पड़े नजर आते है।
अपनी फसल का सही दाम न मिलने से किसान अब मध्यप्रदेश के मामा शिवराज सिंह को भी निशाने पर ले रहे है।
ऐसे समझे – एक कैरेट में 20 से 25 KG टमाटर आता है यदि 10 रुपे भाव मिलेगा तो प्रति किलो कीमत हुई 50 पैसे या इससे कम होगी
सब्जी मंडी में टमाटर लेकर आये किसानों का कहना है कि एक एकड़ में टमाटर लगाने पर करीब 60 हजार रुपए तक लागत आती है। वही इसे मंडी में लाने पर पचास पैसे किलो का भाव मिल रहा है। ऐसे में लागत तो दूर छोड़िए किसान को भाड़ा ओर हम्मली अपने जेब से देना पड़ रहा हैं।
किसान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल कर रहे है की किसानो को लेकर सरकार आखिर क्या चाहती है किसानो की समस्या को सरकार दरकिनार कर रही है।
इसका खामियाजना सरकार को अगले चुनावों में भुगतना पड़ेगा अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम किसान आने वाले चुनाव में सरकार को वोट के माध्यम से जवाब देंगे।