भोपाल : किसान आंदोलन के उग्र होने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपवास पर बैठे हैं और आज उनका दूसरा दिन है। इस बीच ये अटकलें भी लगाई जा रही है कि वह अपना उपवास आज तोड़ सकते हैं। इसके पीछे का कारण हिंसा का थमना बताया जा रहा है। इसके साथ ही किसानों से बातचीत के लायक माहौल तैयार हो गया है।
इस समय भोपाल में भारतीय जनता पार्टी की बैठक शुरू हो चुकी है। जिसमें इस बात की रणनीति तैयार की जा रही है कि किस प्रकार इस आंदोलन को समाप्त किया जाए। केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, नंद कुमार चौहान भी इस बैठक में उपस्थित है। इस बैठक में इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि विपक्ष को इस आंदोलन को मुद्दा न बनाने दिया जाए।
कई नेता वहां पहुंच चुके हैं इसके साथ ही खंडवा, बुरहानपुर और बड़वानी के किसान भी वहां पहुंचे है। किसानों ने मुख्यमंत्री से मिलकर आंदोलन को खत्म करने की मांग की है। इसके अलावा दूसरे दिन भी मुख्यमंत्री के उपवास कार्यक्रम में बारिश ने खलल डाला है। दशहरा मैदान में जगह-जगह पानी भर गया है।
वहीं मंदसौर से खबर आ रही है कि वहां भी स्थिति सामान्य हो रही है लोग आज अपनी जरूरतों का सामान लेने के लिए घरों से बाहर निकले हैं। इसके साथ ही इंटरनेट सेवा को भी बहाल कर दिया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने उपवास के पहले दिन 200 से ज्यादा प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। आंदोलन कर रहे प्रमुख किसान संगठनों ने अपना आंदोलन वापस लेने की घोषणा की। हालांकि इसमें एक संगठन किसान सेना इंदौर में 4 जून को ही आंदोलन वापस लेने की घोषणा कर चुका था।
इंदौर के किसान सेना और उज्जैन के किसान संगठन नाम के दो संगठनों ने आंदोलन वापस लेने की घोषणा मंच से की। इन लोगों ने किसानों की समस्याओं से भी सीएम को अवगत कराया। किसी ने पट्टे न मिलने की शिकायत की तो किसी ने फसल की कीमत से कर्ज की राशि बैंकों द्वारा काटे जाने को गलत बताया।