नई दिल्लीः नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आंदोलनकारी संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को 29 दिसंबर को 11 बजे बातचीत का प्रस्ताव भेजा है। इस बार नए कानूनों की वापसी की प्रक्रिया, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की प्रक्रिया, पराली और बिजली 2020 अधिनियम में राहत पर चर्चा करने का एजेंडा बनाया गया है। इस बीच बीते एक महीने से दिल्ली की तमाम सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं। यहां पढ़ें किसान आंदोलन से संबंधित हर अपडेट-
बुराड़ी स्थित निरंकारी समागम मैदान में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने खाली जगहों को फसलें उगाने के लिए इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। एक किसान ने बताया कि चूंकि प्रदर्शन के कारण हम बीते एक महीने से खाली बैठे हैं, इसलिए हमने सोचा कि इन जगहों पर प्याज उगाएं। इन्हें हम अपने प्रतिदिन के भोजन बनाने में उपयोग कर सकते हैं। बुराड़ी मैदान में हम और भी फसलें उगाएंगे।
Delhi: Protesting farmers say they’re using Nirankari Samagam ground in Burari to grow crops.
“Since we’ve been sitting idle for a month during protests, we thought of growing onions as we can use it for our daily cooking. We’ll grow more crops on Burari ground,” says a farmer. pic.twitter.com/hvNOHwVF31
— ANI (@ANI) December 27, 2020
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विरोध कर रहे किसानों का रविवार को कविता के माध्यम से हौसला बढ़ाने की कोशिश की है। उन्होंने ट्वीट किया कि “वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो, वॉटर गन की बौछार हो, या गीदड़ भभकी हजार हो, तुम निडर डरो नहीं, तुम निडर डटो वहीं, वीर तुम बढ़े चलो, अन्नदाता तुम बढ़े चलो!”
वीर तुम बढ़े चलो
धीर तुम बढ़े चलो
वॉटर गन की बौछार हो
या गीदड़ भभकी हज़ार हो
तुम निडर डरो नहीं
तुम निडर डटो वहीं
वीर तुम बढ़े चलो
अन्नदाता तुम बढ़े चलो! pic.twitter.com/MqsuS9QxEj— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 27, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। किसान संगठनों ने सरकार को वार्ता के लिए 29 दिसंबर का प्रस्ताव दिया है।
गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों का साथ देने के लिए अब छोटे-छोटे बच्चे भी पहुंच गए हैं। बच्चों का कहना है कि उनके घर के बड़े बुजुर्ग प्रदर्शन पर पैठे हैं। सर्दियों की छुट्टियों के कारण उनकी क्लास भी बंद है। ऐसे में वे प्रदर्शन स्थल पर ही अपनी छुट्टियां बिताएंगे।
यूपी गेट पर आंदोलन के 31वें दिन शनिवार को किसानों की संख्या 10 से 12 हजार हो गई। साथ ही आने वाले दिनों में संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना है। यूपी बॉर्डर से लेकर नोएडा सेक्टर-62 तक एक्सप्रेसवे की एक साइड में किसानों का कब्जा है जो किसी भी वक्त पूरे एक्सप्रेसवे को जाम कर सकते हैं। शनिवार को युवा किसानों ने कुछ ही मिनटों पर 14 लेन पर चक्का जाम कर दिया, जिसे खुलवाने में पांच घंटे लग गए। आने वाले दिनों में यहां पर किसानों की संख्या और तेजी से बढ़ने की संभावना है।