नारी का सौंदर्य निखारने तथा उभारने में ओढ़नी की भूमिका हमेशा से रही है। अब यह पहले की तरह जरूरत न रह कर फैशन का हिस्सा भी बन चुकी है। ओढ़नी को अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है जैसे दुपट्टा, चुन्नी, चुनरी आदि।-कुरते के साथ फबने वाली ओढ़नियों का फैशन अब जल्दी-जल्दी बदलता रहता है जिससे पता चलता है कि युवतियां आकर्षक दिखने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहतीं। सलवार-सूट का डिजाइन चाहे कोई भी हो अगर ओढ़नी आकर्षक नहीं है तो पहनने वाली और देखने वालों को कुछ अधूरापन सा महसूस होता है।
युवतियों की बदलती रूचि ने यह भी साबित कर दिया है कि ओढ़नी उनके सलवार-सूट से मैच करे यह जरूरी नहीं है। पहले यह धारणा थी कि ओढ़नी केवल पंजाबी महिलाओं का परम्परागत परिधान है लेकिन आज हालत यह है ाुक ओढ़नी देश के सभी प्रांतों की युवतियों की प्राथमिकता बन गई है। अब वह समय गया जब केवल 1 मीटर की चुनरी ठीक लगती थी। अब ओढ़नी नए अंदाजों में तीन मीटर तक की हो गई है। 1 मीटर की ओढ़नी के जमाने में छोटी और ढीले कुरते के साथ सलवार भी ढीली होती थी
। तब सुंदर दिखने के लिए यह जरूरी माना जाता था कि जिस रंग या प्रिंट की सलवार-सूट हो उसी प्रिंट की ओढ़नी हो लेकिन धीरे-धीरे यह मिथक टूट गया और ओढ़नी पूरी तरह फैशन के रंग में रंग गई और वह सीना ढकने का कपड़ा मात्र न रहकर देह को सलीके से प्रदर्शित करने का जरिया भी बन गई। ऐसी बहुत कम युवतियां हैं जो सार्वजनिक स्थानों पर बिना ओढ़नी के जाना पसंद करती हों बशर्ते वे सलवार-सूट पहनी हों। ओढ़नी का चुनाव सलवार-सूट के लिहाज से होना जरूरी माना जाने लगा है। 3 मीटर तक की लंबी लेकिन पहले से चैड़ी ओढ़नी इन दिनों ज्यादा चलन में है।
परम्परागत रंगों में राजस्थान व मिथिला की पेंटिंग के संग परम्परागत सलवार-कुरते, जरीदार ओढ़नियों के साथ आकर्षक दिखते हैं। ओढ़नियां अब पार्टी वियर्स के साथ फैशन में आ गई हैं जिन्हें मिलेजुले फैब्रिक्स के साथ अक्सर देखा जा सकता है। अगर आप सांवली और लंबी हैं तो आप पर हल्के रंगों के सलवार-सूट पर गोल्डन, ग्रेप तथा सिलवरिश ग्रे रंगों की ओढ़नी ज्यादा फबेगी। सांवली और मध्यम कद की युवतियों पर आज का प्रचलित फैशन है पीला, हल्का नीला या आसमानी, गहरा गुलाबी या सफेद सलवार-सूट और उस पर गहरे सिंगल कलर की पूरे लेस की ओढ़नी।
गेहुंए रंग वाली लंबे कद की युवतियां किसी भी रंग के सलवार-सूट के साथ लगभग 2 मीटर लंबी ओढ़नी में खूबसूरत दिखती हैं लेकिन ओढ़नी पर फैब्रिक पेंटिंग या पैचवर्क होनी चाहिए। गेहुंए रंग वाली मध्यम कद की युवतियां भी मनपसंद रंग के सलवार-सूट के साथ 2 रंगों वाली शिफान की ओढ़नी के साथ आकर्षक लगती हंै। गोरी, लंबी युवतियां मूंगियां, हरे, बादामी, गहरे लाल या काले सलवार-सूट के साथ किसी भी हल्के रंग की प्लेन ओढ़नी जिस पर बूंदें हो, में फबती हैं।
गोरी मध्यम कद की युवतियां किसी भी मनपसंद रंग के सलवार-सूट के साथ लाल शेड्स वाली प्लेन या अपेक्षाकृत चैड़ी प्रिंटेड ओढ़नी में अच्छी दिखती हैं। इसी तरह समय के हिसाब से भी ओढ़नियां चलन में हैं। जैसे सुबह के वक्त गहरे रंग की ओढ़नियां चलन मे हैं तो शाम को जामुनी, नारंगी या काली ओढ़निया पसंद की जाती हैं।