फतेहपुर। लोकसभा चुनाव में ज्यों-ज्यों मतदान की तिथि नजदीक आती जा रही है दलों के प्रत्याशियों की दावेदारी के साथ ही दलों के वोट बैंक की स्थिति मजबूती से स्पष्ट होती जा रही है। लोकसभा चुनाव ने भारतीय जनता पार्टी के ओर से केंद्रीय राज्यमंत्री और निवर्तमान सांसद साध्वी निरंजन ज्योति पर एक बार फिर से दांव लगाया गया है। जबकि सपा बसपा गठबन्धन से बिन्दकी विधानसभा के दो बार के विधायक रहे सुखदेव प्रसाद वर्मा को चुनावी मैदान में उतरा गया है। कांग्रेस पार्टी से समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे राकेश सचान मैदान में है।
कांग्रेस उम्मीदवार राकेश सचान तीसरी बार लोकसभा चुनाव मैदान में है जबकि केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति 2014 में फतेहपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीत केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री बनी थी और दूसरी बार फतेहपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में है। जबकि समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी से उम्मीदवार सुखदेव प्रसाद वर्मा पहली बार लोकसभा चुनाव मैदान में है।
इस बार के लोकसभा चुनाव में सभी दल अपने जीत के अलग अलग दावे भले ही कर रहा है। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार के चुनाव में परिस्थितियां बदली है।
सत्ता पक्ष जहाँ मोदी सरकार द्वारा किये गए कार्यों और चालाई जा रही योजनाओं की बदौलत चुनाव जीतने की बात कह रहा है तो वही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी पर एक भी चुनावी वादे पूरे न करने का आरोप लगाए जाने के साथ ही राफेल डील में भ्रष्टचार किये जाने और उद्योगपतियो को लाभ पहुंचाये जाने का आरोप लगाते हुए अपनी लोक लुभावन योजनाओं की बदौलत सरकार बनाना चाहती है। जबकि सपा बसपा गठबन्धन मोदी सरकार को हटाने के लिये इस बार गठबन्धन कर चुनाव मैदान में बहुजन समाज पार्टी जहाँ प्रदेश में 38 सींटो पर चुनाव लड़ रही है जबकि समाजवादी पार्टी 37 सींटो पर चुनावी मैदान में है।
गठबन्धन ने तीन सीटे राष्ट्रीय लोक दल के लिये छोड़ दी है। जबकि अमेठी व रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से गांधी परिवार के लिये छोड़ते हुए अपने प्रत्याशियों को नही उतारने की घोषणा की है। गठबन्धन भाजपा सरकार की नाकामियो जनता के हितों की अनदेखी किये जाने का आरोप लगाते हुए अपने चुनावी वादों व गठबन्धन के वोट बैंक के बल पर चुनाव मैदान में है।
यदि आंकडो पर गौर करें तो 2014 के लोकसभा चुनाव में के केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योती 485994 मत पाकर विजय रही। जबकि बहुजन समाज पार्टी के अफजल सिद्दीकी 298788 मतों को पाकर दूसरे स्थान पर रहे वही 2009 में सांसद रहे राकेश पर समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर दांव लगाया था लेकिन राकेश सचान को 179724 वोट पाकर तीसरे स्थान पर सिमट गए थे। जबकि कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार रही ऊषा मौर्या मात्र 48588 मत ही हासिल कर चौथे स्थान पर थी। 2019 का लोकसभा चुनाव थोड़ा अलग है। मोदी सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल में यदि भाजपा के समर्थक बढे है तो आलोचकों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
कांग्रेस पार्टी में एक और गांधी परिवार के सदस्य के तौर पर प्रियंका गांधी के राजनीति की मुख्यधारा में शामिल होकर महासचिव व पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनने से कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से उत्साह एवं आत्मविश्वास से लबरेज है। जबकि समाजवादी पार्टी एव बहुजन समाज पार्टी की प्रदेश में कई-कई बार सरकार बना चुके है ऐसे में दोनों ही सियासी दलों का अपना एक बड़ा जनाधार है।
जिसकी बदौलत दोनों पार्टियों ने आपसी गठबन्धन करते हुए चुनाव में भाजपा व कांग्रेस के लिये चुनौतियां खड़ी कर रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव में 1804753 पंजीकृत मतदाताओ में से 1057192 वोटरों ने अपने माताधिकार का प्रयोग करते हुए कुल 58.58 प्रतिशत वोटिंग हुई थी जिसमे से भारतीय जनता पार्टी जहाँ 485994 मतो को पाकर विजयी हुई थी। भाजपा को 45.99 फीसदी वोट मिले थे जबकि बसपा 298788 मतो के साथ 28.28 प्रतिशत वोट मिले थे।
वहीं कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार को 46588 मत व मात्र 4.41 फीसद वोट ही प्राप्त कर सकी थी। समाजवादी पार्टी उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहने के साथ ही उसे 179724 मतो के साथ ही 17.01 प्रतिशत वोट मिले थे। कभी कांग्रेस पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले जनपद में प्रथम लोकसभा चुनाव के बाद से 1957, 1967, 1971, 1980 व 1984 में जीत दर्ज चुकी है जबकि तीन दशक से कांग्रेस पार्टी जनपद से लोकसभा में प्रतिनिधित्व हासिल नही कर सकी। फतेहपुर लोकसभा सीट से विश्वनाथ प्रताप सिंह दो बार चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बने थे।
वीआईपी सीट में नाम दर्ज कराने वाली जनपद की सीट से बसपा, सपा, आरएलडी आदि दल भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी से केंद्रीय राज्यमंत्री एव निवर्तमान सांसद साध्वी निरंजन ज्योति चुनाव मैदान में है। जिनके सामने एक बार फिर से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में पूर्व प्रत्याशी राकेश सचान मैदान में हैं। जबकि सपा बसपा के मजबूत वोट बैंक के साथ सुखदेव प्रसाद वर्मा भी ताल ठोंककर अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। राकेश सचान जहाँ प्रियंका गांधी की लोकप्रीयता के साथ ही कुर्मी बैकवर्ड व मुस्लिम वोटों के दम पर जीत के दावे कर रहे है।
जबकि भाजपा मोदी सरकार के चेहरे, सवर्णों दलित बैकवर्ड के सहारे जीत के दावे कर रही है। वही सपा बसपा गठबन्धन अपने बेस वोट स्वर्ण, हरिजन, बैकवर्ड मुस्लिमो के साथ बेहद मजबूती से चुनावी रण में है। जोकि भारतीय जनता पार्टी को सीधी चुनौती देता हुआ नजर आ रहा है।
वही कांग्रेस पार्टी अपने जीत के लाख दावे भले ही करे लेकिन प्रत्याशी राकेश सचान को बढ़ंत नही दिला पा रहा है कांग्रेस पार्टी के बेस वोट एव बूथ स्तरीय ढांचा कमजोर होने के कारण बढ़ंत नही है वही समाजवादी पार्टी में रहने के दौरान अपनी जमीन बनाने में कामयाब राकेश सचान का व्यक्तिगत व स्वजातीय वोट बैंक तो है लेकिन यह जीत के आंकड़े के आस पास भी पहुँचने में नाकाम है।
ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार साध्वी निरंजन ज्योति व गठबन्धन उम्मीदवार सुखदेव प्रसाद वर्मा एक दूसरे को सीधी टक्कर देते नजर आ रहे है। लोकसभा चुनाव का परिणाम क्या होगा, किसके सर पर सजेगा ताज यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
@ शीबू खान