सिर्फ बाहर की दुनिया ही लड़कियों के लिए खतरनाक नहीं है। घर पर भी वे यौन शोषण का शिकार हो रही हैं। इस कहानी को पढ़ने के बाद रिश्तों से आपका विश्वास उठ जाएगा। एक पिता ने अपनी ही बेटी के साथ लगातार नौ सालों तक रेप किया। इतना ही नहीं, इस काम के लिए खुद लड़की की मां उसे मजबूर करती थी और पिता के साथ सोने के लिए मजबूर करती थी।
पीड़िता का जन्म 18 जुलाई 1988 को हुआ था और जन्म के बाद से वह अपने ननिहाल में रह रही थी। मगर, साल 2004 में वह अपने घर लौटी और तभी से उसके संघर्ष का दौर शुरू हो गया। नए घर में गृह-प्रवेश के बाद लड़की का पिता सदन सिंह बीमार हो गया। मगर, परिजनों ने डॉक्टर के बजाय तांत्रिक को बुलाया, जिसने कहा कि पिता के ऊपर बेटी का साया है। इससे बचने के लिए लड़की को अपने पिता से शारीरिक संबंध बनाने होंगे।
सभी ने तांत्रिक की बातों पर यकीन कर लिया। इसके बाद लड़की की मां खुद पिता के साथ सोने के लिए दबाव बनाने लगी। लड़की ने कहा कि मुझे जहर दे दो, लेकिन ये शर्मिंदगीभरा काम करने के लिए नहीं कहो। मां ने लड़की की एक बात नहीं मानी और फिर यह रोज का काम हो गया। जब वह ऐसा करने से इंकार करती, तो मां और पिता दोनों ही बच्ची को पीटते थे।
एक दिन लड़की ने अपने भाई से बात करने का फैसला किया, जो दूसरे शहर में रहकर पढ़ाई करता था। जब वह घर आया, तो लड़की ने उसे सारी बात बताई। मगर, उसने भी कुछ करने के बजाय पीड़िता के साथ रेप करना शुरू कर दिया। 9 साल तक पापा और भाई ने मिलकर लड़की का रेप किया। इस दौरान पीड़िता 8 बार प्रेग्नेंट हुई, लेकिन हर बार मां ने अबॉर्शन करा दिया।
इस तरह हुआ खुलासा
6 सितंबर 2013 को पीड़िता बेरोजगारी भत्ते का फॉर्म भरने के बहाने घर से निकली और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जनता दरबार पहुंच गई। उन्होंने पीड़िता की शिकायत सुनकर एसओ शिवा शुक्ला को जांच सौंप दी। इसके बाद मां-बाप और भाई पर केस दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया। साथ ही लड़की को रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इसके बाद उस लड़की को आशा नाम के एनजीओ ने गोद ले लिया और उसे ब्यूटिशियन का कोर्स कराया गया। महिला सम्मान प्रकोष्ठ ने पीड़ित लड़की के लिए एक ब्यूटी पार्लर भी खुलवाया, जहां से आज वह अपना घर चला रही है।