अमेठी : ससुर औऱ बहू का रिश्ता भी पिता और बेटी जैसा ही माना जाता है लेकिन उत्तर प्रदेश में कलयुगी ससुर ने इस रिश्ते को शर्मसार करने का काम किया है। इस ससुर ने अपनी ही बहू को अपने हवस का शिकार बनाया है।
दरअसल, अमेठी जिले के शुकुलबाज़ार थाना क्षेत्र में पति के घर पर मौजूद नहीं रहने पर चचेरे ससुर पर अपनी ही बहू के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा है।
क्या है पूरा मामला-
ताजा मामला शुकुलबाज़ार थानांतर्गत एक गाँव का है, जहाँ की निवासी एक महिला अपने मजदूर पति व चचेरे ससुर के साथ उत्तराखंड के देहरादून में एक ही मकान में रह कर जीवन यापन कर रही थी। महिला के अनुसार महिला का पति जरूरी काम के चलते देहरादून से अपने गॉव शुकुलबाज़ार चला आया। जिसके बाद कलयुगी चचेरे ससुर ने मौका पाकर घर में अकेली रह रही पुत्रवधू के साथ दुष्कर्म कर डाला।
पीड़ित महिला लोक लाज और भगवान की दुहाई देती रही, पर चचेरे ससुर ने एक न सुनी। पीड़िता ने बताया कि जब पति के शहर वापस आने पर ससुर द्वारा किये गए इस कुकृत्य जानकारी दी और पति ने ससुर से पूछताछ किया, तो ससुर ने पति के साथ गाली गालौज कर जान से मार देने की धमकी देकर पति पत्नी को घर से निकाल दिया। जिसके बाद पीड़िता पति के साथ गॉव चली आयी और शुकुलबाज़ार थाने में तहरीर दिया।
पीड़िता ने पुलिस पर परेशान करने का आरोप लगाया –
उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का हाल किसी से छिपा नहीं है। यहां की कानून व्यवस्था खराब होने के पीछे एक वजह खाकी भी है, जो पीड़ितों को और पीड़ित करती है। थानों और चौकियों में रिश्वत और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। भ्रष्टाचार का आलम यह है दुष्कर्म जैसे कुकृत्य का मामला भी पुलिस दर्ज नही करती। यही देखिए जब इस घटना के बाद पीड़ित महिला अपने पति के साथ तहरीर लेकर थाने पहुंची। पीड़ित दम्पति से पूछताछ भी की लेकिन पीड़िता महिला ने शुकुलबाज़ार पुलिस पर आरोप लगाया कि इन सबके बाद भी पुलिस लिखने को तैयार नहीं पीड़िता को सुबह से बुलाकर थाने में बैठा लिया जाता था। दिनभर थाने में बैठाने के बाद उन्हें शाम को घर भेज दिया जाता है ।
जरूरी सावधानियां-
#ऐसे मामलों अगर निचले स्तर के पुलिसकर्मी या अन्य अधिकारी कार्रवाई नहीं करते तो मामले को फौरन जिले के शीर्ष अधिकारियों संज्ञान में लाएं।
#जिले की शीर्ष अधिकारियों को भी चाहिए ऐसे मामलों में लापरवाई बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें।
#अपनी बात या समस्या को ऊपर तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया और ई मेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
#मामले पर आरोपियों के खिलाफ सहानुभूति दिखाने वाले या कार्रवाई न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी अदालत में अर्जी दी जा सकती है।
इसकी टोपी उसके सर, बढ़ रही वारदात –
दिल्ली के निर्भयाकांड के बाद यौन अपराधों को गंभीरता से लेने की वकालत जोर शोर से उठी थी। कानूनों में बदलाव कर दुष्कर्म पीडि़ताओं जल्द न्याय दिलाने का भरोसा दिया गया था। लेकिन अमेठी की इस पीडि़ता के साथ प्रसाशन ने जो सुलूक कर रही है। वह कानून व्यवस्था के रखवालों की नियत पर गंभीर सवाल खड़ा दिया है। वही दूसरी ओर शुकुलबाज़ार पुलिस इस घटना को उत्तराखण्ड में घटित बताकर खुद कार्रवाई करने से बचती हैं। इससे ऐसे कुकृत्य को अंजाम देने वाले बेखौफ होकर मौज काट रहे हैं।
रिपोर्ट@राम मिश्रा