वाराणसी – भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की कब्र पर फातिहा संग सस्वर सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ हुआ। तहजीब-ओ-अदब के मरकज काशी में शहनाई के जादूगर की नौवीं बरसी पर शुक्रवार को यह नजारा दिखा।
दरगाह-ए-फातमान में बिस्मिल्लाह की कब्र पर उन्हें नमन करने को कुनबे के साथ शहर के प्रमुख लोग और अफसर भी पहुंचे। इनमें खास रहे दिल्ली से आए खां साहब के प्रशंसक नरेंद्र। 40 साल तक खां साहब के हर कार्यक्रमों में नरेंद्र मौजूद रहते थे। उस्ताद के पुत्र हाजी मेहताब हुसैन, जामिन हुसैन, नाजिम हुसैन, पुत्री जरीना बेगम, पौत्र अफाक हैदर, नाती नजमुल हसन व परिवार के अन्य जब फातिहा पढ़ने बैठे तो उनके बगल में ही नरेंद्र सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करते रहे।
दिनभर श्रद्धा के फूल चढ़ाने वालों का आना-जाना लगा रहा। अपने अजीज को खेराज-ए-अकीदत पेश करने को महापौर रामगोपाल मोहले, डीएम राजमणि यादव, आईजी अमरेन्द्र सिंह सेंगर, डीआई पीएसी ए.के.शुक्ला भी पहुंचे।
सारनाथ में बनेगा संग्रहालय जिला संस्कृति अधिकारी रत्नेश वर्मा के मुताबिक खां साहब का भव्य मकबरा बनाने का काम शुरू होने के बाद अब संग्रहालय बनाने की तैयारियां हो रही हैं। संग्रहालय के लिए सारनाथ में दो एकड़ जमीन देखी गई है। दो करोड़ की लागत से दिसंबर-जनवरी तक निर्माण कार्य शुरू हो जाने की उम्मीद है। वहीं नरेंद्र ने कहा कि खां साहेब के जाने के बाद शहनाई का स्तर गिरता जा रहा है। इसमें सुधार की काफी गुंजाइश है।