नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार ने कई शैक्षिणिक संस्थाओं की विदेशी आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है। यह रोक गृहमंत्रालय ने विदेशी सहायता नियमन कानून (FCRA) के तहत लगाई है।
मंत्रालय ने FCRA के अतंर्गत दिए गए लाइसेंस कैंसिल कर दिए हैं। सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि इन शैक्षणिक संस्थानों ने कथित तौर पर 5 साल से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं की है।
बता दें कि जो संस्थान या व्यक्ति FCRA के तहत पंजीकृत नहीं है वो विदेशी व्यक्ति या संस्थान से चंदा नहीं ले सकते।
हर वो शख्स या संस्थान जो विदेशी संस्थाओं से चंदा लेते हैं उन्हें सरकार को आय और खर्च ब्योरा देना पड़ता है। जो भी शख्स या संस्थान विदेशी चंदा लेता है उसे FCRA संख्या की जरूरत होती है। इसके साथ ही जो शैक्षणिक संस्थान, विदेश में रहने वाले छात्र से चंदा लेता है तो भी उसे FCRA के संख्या की जरूरत होती है।
बता दें कि गृह मंत्रालय ने जिन संस्थानों के चंदा लेने पर रोक लगाई है उसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू), आईआईटी-दिल्ली और इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रिकल्चर रिसर्च (आईसीएआर),सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर), इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू), पंजाब विश्वविद्यालय, गार्गी कॉलेज, दिल्ली, लेडी इर्विन कॉलेज, दिल्ली, एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टिट्यटू एंड रिसर्च सेंटर, गांधी पीस फाउंडेशन, नेहरू युवा केंद्र संगठन, आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे फंड, स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, दिल्ली, फिक्की सोशियो इकोनॉमिक डेवलपमेंट फाउंडेशन, दून स्कूल ओल्ड ब्वॉयज एसोसिएशन, श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज, दिल्ली, डॉक्टर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया इंटरनेशनल ट्रस्ट, महात्मा गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट, गुजरात, श्री सत्य साई ट्रस्ट शामिल हैं।
इसके साथ ही कई अन्य संस्थान ऐसे हैं जिसके खिलाफ ये कदम उठाया गया है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि इन सभी संस्थानों को कई बार नोटिस दी गई लेकिन इन्होंने ITR फाइल नहीं किया।