मैसूर – भूत होने के डर से मैसूर में एक कोर्ट हॉल लगातार 9 महीनों से बंद है। इसके खिलाफ वकीलों ने विरोध भी किया लेकिन भूत का डर खत्म नहीं हुआ है। मई 2014 से ही यह कोर्ट हॉल बंद पड़ा है। इस हॉल में फर्स्ट अडिशनल सेशन जज बैठते थे। इस कोर्ट हॉल में कई अहम और सनसनीखेज मुकदमों पर फैसले सुनाए गए। यह हॉल कोर्ट परिसर के प्रवेश द्वार पर है। अब इस हॉल को टूटी कुर्सियों और टेबल्स का स्टोररूम बना दिया गया है।
सूत्रों मे मुताबिक इस कोर्ट की ‘भुतहा पहचान’ एक जज की सड़क हादसे में मौत के बाद बनी। पिछले साल जज इस हॉल में अदालत लगाकर निकले थे और उनकी सड़क हादसे में मौत हो गई थी। डिस्ट्रिक्ट सेशन जज हॉल इस बंद हॉल के दाएं साइड में ऊपर है। यह दिलचस्प है कि कोर्ट अथॉरिटी इस हॉल को अब भी खोलने पर राजी नहीं है और न ही यहां किसी जज की अदालत लगवाई जा रही है। कोर्ट अथॉरिटी भूत की अफवाह से आक्रांत है और इस हॉल को खोलना संकट से मोल लेने की तरह समझ रही है।
सूत्रों का दावा है कि ज्योतिषी ने कोर्ट हॉल को बिना खास पूजा और हवन की प्रक्रिया संपन्न कराए बंद रखने की सलाह दी है। ज्योतिषी के मुताबिक बुरी आत्मा से इस हॉल को मुक्त कराने के लिए स्पेशल पूजा जरूरी है। मैसूर बार असोसिएशन के करीब 90 वकीलों ने भूत की अफवाह की निंदा करते हुए इस मामले में जांच करने की मांग की है। इन वकीलों ने प्रेस नोट में कहा है, ‘इस हॉल में कई अहम फैसले सुनाए गए हैं। कुछ शरारती तत्वों ने एक जज की मौत को अंधविश्वास से जोड़कर भूत की अफवाह फैला दी।’
वकीलों ने बार असोसिएशन और डिस्ट्रिक्ट सेशन जज से अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। सीनियर वकीलों ने इस हॉल को फिर से नहीं खोले जाने पर हैरानी जतायी है। एक सीनियर वकील ने कहा, ‘अफवाहों का बाजार गर्म है लेकिन मुझे हॉल बंद करने की असली वजह का पता नहीं है। सीनियर वकील एचएस वेंकटेश ने कहा कि जज की मौत को अंधविश्वास से जोड़ना वकीलों और जजों की कम्युनिटी के लिए खतरनाक है। मैसूर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के प्रशासक टीसी नागाराजू ने इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में बोलने का अधिकार नहीं रखते।