बैतूल- 6 लाख की लागत से कोतवाली के जिस सुसज्जित नए भवन का जिले के प्रभारी मंत्री लाल सिंह आर्य ने भव्य लोकार्पण किया। उसमे कोतवाल और स्टाफ बैठने से कतरा रहे है । क्योंकि नए भवन में वास्तु दोष है । इस बात के खुलासे के बाद नए भवन में ना तो कोई बैठा और नाही कोई बैठना पसंद कर रहा है । जिले के कप्तान भी इस बात से चिंतित है की कैसे वास्तु दोष ठीक हो ।
क्या वास्तु दोषो से भरा है कोतवाली का नया भवन ?
कहते है जिसका घर सुख शांति से भरा होता है। उसका जीवन यश और कीर्ति से भर जाता है लेकिन जहा सुख शांति छिन जाए वहा जीवन नीरस और तनाव से भर जाता है। बैतूल की नव निर्मित कोतवाली के लिए यही कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। 63 लाख की लागत से बनकर तैयार इस कोतवाली भवन को लेकर कई शगुन अपशगुन इस लोकार्पण के साथ ही जुड़ने लगे है।
बताया जा रहा है कि इसकी शुरुआत भवन के लोकार्पण के लिए जारी किये गए आमंत्रण पत्र से ही हो गयी थी। जिसमे 4 अगस्त की विक्रम संवत तिथि को त्रयोदसी के स्थान पर तेरहवी अंकित कर दिया गया।
इधर जानकारों की माने तो पूरा भवन वास्तु दोषो से भरा हुआ है। जिसका निर्माण के पूर्व ध्यान नहीं दिया गया। जिसके कारण आने वाले समय में यहाँ पदस्थ रहने वाले अधिकारी कर्मचारियों को मानसिक तनाव अपयश अपकीर्ति का सामना करना पड़ सकता है। इसे लेकर बैतूल कोतवाली में पदस्थ जिम्मेदार अफसरों कर्मचारियों के बीच भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
जानकारों के मुताबिक नए भवन का न केवल मुख्य प्रवेश द्वार गलत दिशा में बना है बल्कि भवन के भीतरी कमरो के प्रवेश द्वार भी वास्तु विपरीत लगाये गए है।इनमे cctns के कमरे का द्वार ही वास्तु सम्मत है।भीतरी कक्षो में अधिकांश कक्षो की लंबाई चौड़ाई भी वास्तु विपरीत है। वही निरीक्षक का कक्ष आग्नेय कोण में स्तिथ है जो विपरीत बताया जा रहा है। इसका द्वार भी विपरीत व् लंबाई चौड़ाई भी विपरीत है।इसके ठीक सामने प्रधान आरक्षक कक्ष भी वास्तु विपरीत बताया जा रहा है।
महिला बंदी गृह का प्रवेश द्वार भी विपरीत दिशा में बताया जा रहा है। वास्तु के जानकारों की माने तो नए भवन की मुख्य सड़क से ऊंचाई 3 से 4 फुट ऊपर होना चाहिए था। मुख्य सड़क से नीचे होने के कारण इसे जैसे कीर्ति मिलना चाहिए वह नहीं मिल सकेगी। वास्तु के जानकारों के बीच चल रही इन चर्चाओ के बीच लोग इसे अंधविश्वास भी कह रहे है । पूरे चोबीस घण्टे बीतने के बाद भी इस भवन के चैनल गेट लगे हुए रहे और सारा कामकाज पुराने भवन से चलता दिखा । हालांकि सूत्रो की माने तो कुछ दोषो को ठीक करने के लिए एक अफसर ने निर्माण से जुड़े जिम्मेदारों को कुछ जवाबदारी भी सौपी है ।
पंडित बिन्देश तिवारी की माने तो इस भवन में खामिया निर्माण से जुडी हुई है ।कल लोकार्पण का समय और तिथि दोनों ही विपरीत थी ऐसे में जो भी कोतवाल यहाँ बैठेगा वो ज़्यादा दिन नहीं ठहर पायेगा और ,हमेशा परेशान भी रहेगा ।
रिपोर्ट- @अकील अहमद