नई दिल्ली- पास यदि दस साल या उससे ज्यादा उम्र के मोटर वाहन है तो आप उसे रिसाइकल सेंटर में बेच कर नया वाहन खरीदने में डेढ़ लाख रुपये तक का फायदा उठा सकते हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ऐसी योजना तैयार कर रहा है। आने वाले समय में इसे कैबिनेट में पेश किया जा सकता है। इस योजना पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय भी सैद्घांतिक रूप से सहमत है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इस योजना के तहत 10 वर्ष पुराने वाहन को सरेंडर करने पर वाहन मालिक को सवा से डेढ़ लाख रुपये तक का फायदा मिल सकता है बशर्ते उसे सरकार द्वारा बताए गए रिसाइकल सेंटर में सरेंडर किया जाए।
उन्होंने बताया कि जैसे ही कोई वाहन मालिक अपना वाहन सरेंडर करेगा, उसे 50 हजार रुपये का सरेंडर सर्टिफिकेट मिल जाएगा। इसका उपयोग नया वाहन खरीदने में किया जा सकता है। इसके अलावा 50 हजार रुपये टैक्स की वापसी के रुप में मिलेंगे।
गडकरी का कहना है एक कार खरीदने पर कोई भी व्यक्ति 1.60 लाख रुपये टैक्स के रूप में चुकाता है। जब वही व्यक्ति पुराना वाहन वापस देकर नया वाहन खरीदेगा तो उसे 50 हजार रुपये का ड्यूटी ड्रा बैक मिल जाएगा।
वित्त मंत्रालय इस पर तैयार होगा, इस सवाल पर उन्होंने बताया कि इस बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली से बात हो चुकी है। वह सैद्धांतिक रूप से इस प्रस्ताव से सहमत हैं।
गडकरी के अनुसार पुराने वाहन ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं, जबकि नये वाहन पर्यावरण के अनुकूल बन रहे हैं। इसलिए जब कोई व्यक्ति पुराना वाहन बेच कर नया वाहन खरीदेगा तो सरकार उसे प्रोत्साहन राशि देगी।
यह राशि छोटे वाहन के मामले में 25 हजार रुपये जबकि बड़े वाहन के मामले में 40 हजार रुपये होगी। इस तरह यदि कोई व्यक्ति छोटी कार बेच कर नई कार खरीदेगा तो उसे कम से कम 1.25 लाख रुपये को तो फायदा होगा ही।
इसके अलावा कार कंपनी की तरफ से लॉयल्टी बोनस या अन्य सुविधाएं भी मिल सकती है।रिसाइकल सेंटर में विदेशी वाहनों का भी होगा पुनर्चक्रण गडकरी के मुताबिक केंद्र सरकार देश भर में आठ स्थानों पर पुराने वाहनों के पुनर्चक्रण के लिए व्हीकल रिसाइकलिंग सेंटर बनाने की तैयारी कर रही है।
वहां न सिर्फदेश की पुरानी गाड़ियों की रिसाइकलिंग होगी बल्कि विदेशों से भी पुरानी गाड़ियों को मंगाया जाएगा। पुराने वाहनों की रिसाइकलिंग से उत्तम श्रेणी का लोहा, अल्यूमीनियम, मिश्र धातु, प्लास्टिक आदि मिलेगा, जिसका उपयोग नई गाड़ियों के निर्माण में होगा।