वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी करने की घोषणा की। वहीं, नई विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की 25 फीसदी से घटा कर 15 फीसदी कर दी गई है।
देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के मकसद से उठाया गया सरकार का यह नया कदम है, जिससे उम्मीद की जा सकती है कि निवेश बढ़ेगा।
शुक्रवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर कटौती की घोषणा करने पर शेयर बाजार में खुशी की लहर दौड़ गई और प्रमुख शेयर संवेदी सूचकांक पूरे जोश से ऊपर की ओर बढ़ने लगे। सेंसेक्स 1955.46 अंकों के जबरदस्त उछाल के साथ 38,048.93 तक चला गया।
निफ्टी भी 568 अंकों की छलांग लगाकर 11,272.80 पर चला गया. बंबई स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स दोपहर 13.15 बजे 1,834.47 अंकों यानी 5.08 फीसदी की तेजी के साथ 37,927.94 पर बना हुआ था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 5,31.35 अंकों यानी 4.96 फीसदी की तेजी के साथ 11,236.15 पर कारोबार कर रहा था।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी करने की घोषणा की। वहीं, नई विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की 25 फीसदी से घटा कर 15 फीसदी कर दी गई है। देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के मकसद से उठाया गया सरकार का यह नया कदम है, जिससे उम्मीद की जा सकती है कि निवेश बढ़ेगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि यह कदम पूर्वी एशियाई देशों के समान भारत में कॉरपोरेट कर की दर रखने के मकसद से उठाया गया है। कर की दर में यह कटौती एक अप्रैल से लागू होगी और कंपनियों द्वारा अग्रिम में भुगतान किए गए कर का समायोजन किया जाएगा. वित्तमंत्री ने कहा कि इस कदम से 1.45 लाख करोड़ रुपये सालाना राजस्व में कमी आने का अनुमान है।
वित्तमंत्री ने कहा, “निवेश को प्रोत्साहन देने के मकसद से आयकर अधिनियम में नया प्रावधान जोड़ा गया है जो वित्त वर्ष 2019-20 से लागू होगा। इस प्रावधान के तहत किसी भी घरेलू कंपनी के पास 22 फीसदी की दर से आयकर का भुगतान करने का विकल्प इस शर्त पर होगा कि वह कंपनी किसी भी तरह की रियायत या प्रोत्साहन प्राप्त नहीं करेगी।
इन कंपनियों के लिए सरचार्ज और सेस समेत प्रभावी कर की दर 25.17 फीसदी होगी। साथ ही, इन कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। घरेलू शेयर बाजार में पिछले सत्र में आई भारी गिरावट के बाद शुक्रवार को सत्र के आरंभ से ही तेजी का रुख बना हुआ था।