भोपाल- बुधवार देर शाम मध्यप्रदेश के मंत्रालय (वल्लभ भवन) की इमारत में पांचवी मंजिल में आग लगने से मौजूद स्वेच्छानुदान के तमाम रिकार्ड जलकर खाक हो गए हैं। आग लगने की वजह शार्ट सर्किट बतायी जा रही है। आग पर काबू पाने के लिए दमकल विभाग की आठ गाड़ियां मौके पर पहुंची। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। लेकिन बुधवार रात करीब पौने 9 बजे लगी आग ने एक बार फिर कई सवालों को सुलगा दिया है। आग मंत्रालय की पांचवीं मंजिल स्थित सीएम सचिवालय के कमरा नंबर-523 में लगी थी।
घटना स्थल पर पुलिस अधिकारी भी पहुंच गए, लेकिन किसी ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। दकमल कर्मियों को करीब घंटे भर तक मशक्कत करनी पड़ी। सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मियों ने किसी को भी मंत्रालय के अंदर नहीं जाने दिया। चारों तरफ से मीडिया के लिए दरवाजे बंद कर दिए गए थे।
सीएम के दफ्तर जैसे अहम स्थान पर आग लगना मेंटेनेंस के इंतजामों पर कई सवाल खड़े करता है। आग की जांच लोक निर्माण विभाग की इलेक्ट्रिकल डिवीजन करेगी। करीब डेढ़ साल पहले जब मंत्रालय में आग लगने की घटनाएं हुईं थीं तब ऐसे हादसों पर अंकुश लगने का दावा किया गया था।
आग सिर्फ कमरा नंबर- 523 में लगी थी। आग पर काबू पा लिया है। आग लगने का प्रारंभिक कारण शॉर्ट सर्किट नजर आ रहा है। आग से हुए नुकसान की जानकारी फिलहाल नहीं है। -भारतेंदु शर्मा, सीएसपी एमपी नगर
एमपीनगर थाना से मिली जानकारी के अनुसार मंत्रालय में आग लगने की सूचना पर तत्काल दमकल गाडियां मंगाई गई। आग मंत्रालय की पांचवी मंजिल के कमरा नंबर 523 में लगी थी। सुरक्षाकर्मियों ने मंत्रालय की पांचवी मंजिल से धुंआ निकलते हुए देखा, तो वह कमरा नं 523 में पहुंचे जहां रखी सभी फाइलें जलकर खाक हो गई थी।
होली की छुट्टी के कारण मंत्रालय पड़ा था सूना
बताया जा रहा है कि होली की छुट्टी के कारण मंत्रालय में कर्मचारी मौजूद नहीं थे। हांलाकि शाम साढे चार बजे तक प्रधानमंत्री से वीडियो कांफ्रेसिंग के चलते मुख्य सचिव एंटोनी डिसा मंत्रालय में मौजूद थे और मुख्य सचिव का अमला भी मौजूद था, लेकिन करीब पांच बजे वीडियो कांफ्रेसिंग के बाद सभी लोग चले गए थे। आगजनी की इस घटना पर कई सवाल उठ रहे हैं। कर्मचारी संगठनों ने आगजनी की घटना पर सवाल उठाते हुए मामले की जांच की मांग की है।
पहले भी लग चुकी है सरकारी दफ्तरों में आग
– 9 जनवरी 2016: टीटी नगर के बारह दफ्तार के पीएचई विभाग में 4 दिन में दो बार आग लगी थी। फायर बिग्रेड की 11 गाड़ियों को आग बुझाने के लिए लगाया था।
– 4 अक्टूबर 2015: विंध्याचल भवन की पांचवीं मंजिल पर आग लगी थी। आग से कृषि विभाग के ऑफिस में रखी विधानसभा से जुड़ी कई महात्वपूर्ण फाइलें जल गईं। नुकसान का अंदाजा नहीं लगाया जा सका था।
– 23 नवंबर 2014: कलेक्टोरेट कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में लगी आग से रेवेन्यू के सभी तरह के रिकॉर्ड जल गए थे।