महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे (Pune) स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के नए प्लांट के टर्मिनल 1 गेट में आग लग गई है। हालांकि किसी के हताहत होने की तत्काल रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। आग लगने की वजह अभी साफ नहीं हो पाई है। पुणे फायर ब्रिगेड के कम से कम 10 फायर-टेंडर साइट पर पहुंच चुके हैं और आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं। आग कैसे लगी, अभी इसका कारण स्पष्ट नहीं है। संपर्क करने पर, सीआईआई के एक अधिकारी ने यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या आग लगने की इस घटना से कोविड-19 वैक्सीन का उत्पादन प्रभावित होगा।
आपको बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोरोनावायरस (Coronavirus) की वैक्सीन कोविशील्ड का निर्माण कर रही है। जिसकी भारत सहित कई देशों में आपूर्ति भी की जा रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक जिस साइट में आग लगी, वह सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे में एक निर्माणाधीन इमारत है। वैक्सीन और वैक्सीन निर्माण संयंत्र पूरी तरह से सुरक्षित हैं। करोड़ों की लागत से इस बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। इससे पहले मुंबई के साकी नाका इलाके में मंगलवार को एक दुकान में आग लगने से तीन लोग घायल हो गए थे। साकी नाका इलाके की एक दुकान में मंगलवार सुबह लगभग 10.35 बजे धमाका हुआ, जिसके बाद आग लग गई।
इस दुकान में कटाई के काम के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गैस सिलेंडर और विभिन्न स्क्रैप आइटम रखे हुए थे।आग लगते ही दमकल विभाग को सूचित किया गया। दमकलकर्मियों ने इसे लेवल-2 की आग बताया। इस हादसे में तीन लोगों के चोटें आई हैं, जिन्हें इलाज के लिए रजवाड़ी अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है। आग को काबू करने के लिए 10 दमकल वाहन और पानी के टैंकर मौके पर मौजूद थे।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीन के निर्माण में सीरम इंस्टीट्यूट ने प्रमुख भूमिका निभाई है। सीरम इंस्टीट्यूट देश ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है। सीरम इंस्टीट्यूट ने ही कोविशील्ड वैक्सीन को तैयार किया है, जिसे भारत में कोरोना महामारी के खिलाफ आपातकालीन परिस्थितियों में उपयोग की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा दी गई है। साथ ही कोरोना महामारी के खिलाफ देशभर में 16 जनवरी से शुरू किए गए टीकाकरण अभियान में भी कोविशील्ड वैक्सीन ही लगाई जा रही है। साथ ही भारत के पड़ोसी देशों में भी अनुदान स्वरूप सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड वैक्सीन ही पहुंचाई जा रही है।