बर्लिन: जर्मनी में सीरान आतिश का एक ऐसी मस्जिद बनाने का सपना पूरा हो गया है जहां महिलाएं और पुरुष, सुन्नी और शिया, आम लोग और समलैंगिक एक साथ इबादत कर सकेंगे। जानी-मानी महिला अधिकार कार्यकर्ता एवं वकील अतेस ने जर्मनी में प्रगतिशील मुस्लिमों के लिए इस तरह की मस्जिद के लिए आठ साल तक लड़ाई लड़ी। वह ऐसा स्थान चाहती थीं जहां मुस्लिम अपने धार्मिक मतभेदों को भूलकर अपने इस्लामी मूल्यों पर ध्यान दें।
उन्होंने कहा कि जर्मनी में उदारवादी मुस्लिमों के लिए यह अपने तरह की पहली मस्जिद है। इब्न रूश्द गोयथे नामक मस्जिद 16 जून को खुल गई। जर्मनी में तुर्की के अतिथि कामगारों की बेटी सीरान निर्माणाधीन कमरे में प्रवेश करते से भावुक हो उठीं।
उन्होंने बताया कि यहां पर महिलाओं को स्कार्फ पहनने की बाध्यता नहीं होगी। वे इमामों की तरह उपदेश दे सकेंगी और अजान दे सकेंगी।
खास बात ये है कि इस मस्जिद को सेंट जोहांस प्रोटेस्टेंट चर्च के भीतर बनाया गया है। यहां नकाब या बुर्के में प्रवेश नहीं मिलेगा। सीरान ने सुरक्षा कारणों से यह नियम बनाया है।
चेहरे को पूरी तरह से ढंक देने वाले नकाब का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। बुर्के या नकाब से ढंका हुआ चेहरा सिर्फ एक राजनीतिक अवधारणा है। – सीरान अतेस, कार्यकर्ता