खंडवा : आकांक्षी जिलों की रैकिंग में स्वास्थ्य व पोषण के क्षेत्र में खंडवा जिले को देश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है। इस उपलब्धि पर खण्डवा जिले को नीति आयोग द्वारा 3 करोड़ रू. की सौगात दी जायेगी।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने खण्डवा जिले के अधिकारियों की टीम के अथक प्रयासों से मिली इस उपलब्धि पर बधाई दी है तथा कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल से इस राशि को जिले के विकास पर व्यय करने के लिए व्यवस्थित कार्य योजना बनाने के लिए कहा है।
स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में आकांक्षी जिलों में खंडवा को पहला स्थान मिला है। इस उपलब्धि पर जिले को नीति आयोग द्वारा तीन करोड़ रुपए की सौगात दी जाएगी। यह राशि जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए उपयोग में लाई जाएगी।
पिछले वर्ष देश के 101 पिछड़े जिलों की सूची में शामिल किया गया खंडवा जिला आकांक्षी जिलों की रैंकिंग में पहले स्थान पर आ गया है।नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने खंडवा जिले के अधिकारियों की टीम के अथक प्रयासों से मिली इस उपलब्धि पर बधाई दी है।
कलेक्टर तन्वी सुंद्रियाल ने बताया कि यह उपलब्धि पूर्व के कलेक्टर और जिले के अन्य अधिकारियों की मेहनत के बल पर मिली है। उन्होंने कहा कि बड़े अधिकारियों से लेकर आशा और एएनएम कार्यकर्ता तक ने जमीनी स्तर पर काम करते हुए खंडवा जिले की स्थिति को बेहतर करने के लिए काम किया।
विदित हो कि नीति आयोग द्वारा देशभर के पिछड़े जिलों की जारी की गई सूची में मध्यप्रदेश के आठ जिले थे। इसमें खंडवा जिले भी शामिल था। नीति आयोग ने जिले को स्वास्थ्य क्षेत्र में 91वें रैंक दी थी।
जबकि स्वास्थ्य, वित्तीय, स्किल डेवलपमेंट, शिक्षा, कृषि और आधार ढांचे खंडवा जिले को 41वीं रैंक मिली थी। पिछड़ा जिला घोषित होने के बाद से खंडवा जिले में केंद्र सरकार और नीति आयोग के अधिकारियों ने नियमित समीक्षा की।
पूर्व कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने जब पदभार ग्रहण किया था तब खंडवा पिछड़ेपन में टॉप 101 जिलों में शामिल था। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार दौरे कर योजनाओं की नियमित मॉनीटरिंग की। प्रत्येक सप्ताह आकांक्षी जिलों में रैंकिंग में शामिल विभागों की योजनाओं की प्रगति पर समीक्षा की। उन्हीं के लगातार प्रयासों से खंडवा जिले की स्थिति बेहतर हुई।
नीति आयोग द्वारा सौगात के रूप में दिए जाने वाले तीन करोड़ रुपए विशेष रूप से जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर खर्च किए जाएंगे। कलेक्टर सुंद्रियाल ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी के लिए क्या किया जा सकता है, इस पर काम शुरू हो गया है। 15 दिन में डीपीआर डीपीआर बनाकर शासन को भेजी जाएगी।