नई दिल्ली: रेटिंग एजेंसी फिच ने मोदी सरकार को झटका दिया है। फिच ने जीडीपी ग्रोथ घटाकर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। फिच ने जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 7.8 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। फिच के वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में कहा कि 2019-20 और 2020-21 में भारत की GDP क्रमश: 7 % और 7.1 % रहने का अनुमान है।
फिच ने जीडीपी ग्रोथ घटाने के पीछे ज्यादा लागत और ऋण उपलब्धता में आई कमी को मुख्य वजह बताई। फिच ने कहा कि उच्च वित्तपोषण लागत और ऋण उपलब्धता में कमी के चलते हमने जीडीपी ग्रोथ को घटाया है। फिच ने इससे पहले सितंबर में वृद्धि दर के 7.8% रहने का अनुमान जताया था, जबकि जून में 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। एजेंसी ने कहा कि अनुमान से विपरीत चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी 7.1 प्रतिशत पर रही।
रेटिंग अजेंसी के मुताबिक भारत में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारत की राजकोषीय नीतियां आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के अनुकूल रहेंगी। वहीं फिच ने कहा कि अगले साल के आखिर तक डॉलर के मुकाबले रुपया और गिरकर 75 रुपए प्रति डॉलर रह सकता है।