आगरा [ TNN ] उत्तर प्रदेश में हर रोज तकरीबन नौ शख्स का दिमागी तौर पर बीमार हो रहे हैं। चौंकिए नहीं, यह बिल्कुल सच है। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि आगरा पागलखाने में भर्ती हो रहे बीमारो की तादात कह रही है। हर माह तकरीबन ढाई सौ शख्स आगरा में मौजूद पागलखाने में भर्ती किए जा रहे हैं। यह एक बहुत बड़ा आंकड़ा है जो उत्तर प्रदेश की हालत पर सवालिया निशान लगा रहा है।
हर रोज़ बढ़ रही कशीदगी जिंदगी की भागम-भाग में लोग चिढ़चिढ़े होते जा रहे हैं। ज़िन्दगी में कशीदगी शख्स के ऊपर हावी होता जा रहा है। लोगों में बर्दाश का माद्दा ख़त्म हो चुका है, डॉ.केसी गुरनानी कहते हैं कि आजकल हर शख्स काम के बोझ तले दबा हुआ है। मियाँ बीबी दोनों की कामकाजी हो गए हैं। फैमली के लोगों के लिए उनके पास वक़्त नहीं हैं।
50 फीसदी लोग घर में ठीक हो सकते हैं, लेकिन एक ही फैमली के पास एक-दूसरे के लिए वक़्त नहीं है। लोग चाहते हुए भी अपनी जिम्मेदारियों भी बच रहे हैं। प्राइवेट सेक्टर में जॉब कर रहे लोगों को छुट्टी नहीं मिलती है, जिससे वह घर में मरीज की देखभाल नहीं करना चाहते हैं, इसलिए वह पागलखाने में इलाज के लिए छोड़ आते हैं। आगरा पागल खाने के रिकॉर्ड के मुताबिक इस साल एक जनवरी से लेकर सात अक्टूबर तक कुल 1853 शख्स बिल्लोचपुरा के पागल खाने में फैमली वार्ड में भर्ती किए गए हैं।
रिपोर्ट :- सुहैल उमरी