देश के पश्चिमी हिस्से से लेकर दक्षिण के राज्यों तक बाढ़ का कहर लगातार बढ़ रहा है। केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात में 125 से ज्यादा लोगों की मौत की खबरें हैं।
बचाव एवं राहत एजेंसियों के मुताबिक केरल में गुरुवार तक बाढ़ से सबसे ज्यादा 55 लोगों की मौत हुई है। महाराष्ट्र में 27 लोगों की मौत की खबर है।
यही नहीं अभी कई और दिनों तक भीषण बारिश जाने की रहने की आशंका है और इसे देखते हुए केरल सरकार ने मिलिट्री टीमों को रेस्क्यू यूनिट्स बनाकर अभियान चलाने और फंसे हुए लोगों को एयरलिफ्ट करने का आदेश दिया है।
इस बीच केरल में भूस्खलन में दबे 9 लोगों के शव बरामद हुए हैं। मलप्पुरम जिले में 8 अगस्त को भूस्खलन हो गया था।
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर्नाटक बेलागावी जिले में बाढ़ का जायजा लेने के लिए हवाई सर्वे के लिए पहुंचने वाले हैं।
कोस्टगार्ड ने अपने ट्वीट में 3 राज्यों में फंसे हुए 2,200 नागरिकों को बचाने की जानकारी दी है। कर्नाटक में कम से कम 24 लोगों के मारे जाने और 9 लोगों के लापता होने की खबर है।
सूबे में 600 राहत कैंप बनाए गए हैं और उनमें 1,61,000 लोगों को शिफ्ट किया गया है। कर्नाटक एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर कर्नाटक, तटीय इलाके और पश्चिमी घाट बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
बाढ़ के चलते कर्नाटक में 6,000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। चीफ मिनिस्टर बीएस येदियुरप्पा ने इसे बीते 45 वर्षों में राज्य पर आई सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा करार दिया है।
केंद्र सरकार से उन्होंने 3,000 करोड़ रुपये की राशि की मांग की है। येदियुरप्पा ने कहा, ‘एनडीआरएफ की 20 टीमें, सेना की 10 टीमें, नौसेना की 5 टीमें और राज्य आपदा प्रबंधन की दो टीमें बचाव एवं राहत कार्यों में जुटी हैं।’
महाराष्ट्र और गुजरात में भी स्थिति चिंताजनक है। महाराष्ट्र में बाढ़ के चलते 27 और गुजरात में 22 लोगों के मारे जाने की खबर है।
बाढ़ के चलते महाराष्ट्र के कई अहम मार्गों को बंद करना पड़ा है। यही नहीं गुजरात में तो आधी के चलते अहमदाबाद और नाडियाड में 8 लोगों की मौत हो गई। हालांकि महाराष्ट्र के सांगली और कोल्हापुर जिलों में बाढ़ की स्थिति में शनिवार को कुछ सुधार होता दिखा।
महाराष्ट्र में बाढ़ प्रभावित इलाकों से अब तक 3.8 लाख लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। कोल्हापुर, पुणे, सोलापुर, सतारा और सांगली जिलों में स्थिति ज्यादा चिंताजनक है।
सबसे खराब स्थिति केरल की है, जहां 1.5 लाख लोगों को आपातकालीन राहत कैंपों में शिफ्ट किया गया है।