लखनऊ : लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को झटका देते हुए यूपी के बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले ने शनिवार को कांग्रेस का हाथ थाम लिया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी में उनका स्वागत किया। दलिता नेता की पहचान रखने वालीं फुले करीब एक साल से ज्यादा समय से भाजपा के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं।
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को ‘दलित विरोधी’ भी करार दिया था। पिछले लोकसभा चुनाव में सावित्री भाजपा के टिकट पर बहराइच से निर्वाचित हुईं थी।
पिछले साल दिसंबर में उन्होंने भाजपा पर अपनी उपेक्षा करने और समाज में बंटवारे की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
फुले के साथ ही समाजवादी पार्टी के नेता और फतेहपुर से पूर्व सांसद राकेश सचान भी कांग्रेस के साथ जुड़ गए हैं।
यूपी में वापसी की कोशिश में लगी कांग्रेस के लिए इन दोनों नेताओं को अपने साथ करना उनकी बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है।
पिछले कई सालों से उत्तर प्रदेश में साइड लाइन रही कांग्रेस के साथ इन दो नेताओं के शामिल होने से स्पष्ट हो रहा है कि कांग्रेस राज्य की राजनीति में अपने आपको दोबारा स्थापित करने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस द्वारा हालही महासचिव नियुक्त किए गए प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी यह दर्शाती है कि फुले और सचान को विरोधी पार्टी से लाने में इन दोनों ने अहम भूमिका निभाई है।
सावित्री बाई फुले और राकेश सचान ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव-प्रभारी (पूर्वी उत्तर प्रदेश) प्रियंका गांधी वाड्रा और महासचिव-प्रभारी (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में पार्टी की पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
कांग्रेस की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सानिध्य में आज सावित्री बाई फुले (सांसद, बहराइच) और राकेश सचान (पूर्व सांसद, फतेहपुर) कांग्रेस परिवार का हिस्सा बने। उप्र महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दोनों नेताओं का कांग्रेस परिवार में स्वागत किया।’