इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ( ईवीएम + ) कितनी भरोसेमंद हैं इस विषय पर जारी बहस के बीच पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) टीएस कृष्णमूर्ति ने मंगलवार को कहा कि इन मशीनों पर पूरा भरोसा किया जा सकता है और वह सुरक्षित भी हैं।
उन्होंने कहा कि मशीनें गलती नहीं करतीं बल्कि व्यक्ति करते हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि मशीनों का इस्तेमाल शुरू होने के बाद से अब तक जिन्होंने भी उनके बारे में शिकायत की है, वे तमाम लोग हारने वाले दलों से रहे हैं।
कृष्णमूर्ति ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘शिकायत करने वालों का इतिहास उठाकर देख लीजिए। वह हमेशा हारने वाले दलों से रहे हैं। जयललिता (तमिलनाडु की दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री) और अमरिंदर सिंह पहले सुप्रीम कोर्ट गए थे, लेकिन अगले चुनाव में जीतने के बाद वह चुप बैठ गए।’
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘इस बार अमरिंदर सिंह सत्ता में (पंजाब में) ईवीएम के जरिए ही आए।’ पूर्व सीईसी + से यह पूछे जाने पर कि क्या ईवीएम में उनका भरोसा अटूट है? इस पर उन्होंने कहा, ‘जब तक कि कोई यह साबित नहीं कर देता कि उनमें छेड़छाड़ की जा सकती है। अपने अनुभव से जहां तक मैं समझता हूं, ईवीएम सुरक्षित और भरोसेमंद हैं।’
चुनाव में कुछ ईवीएम में गड़बड़ी की खबरों पर कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘मशीनें गलत नहीं होती, गलत करने वाले लोग होते हैं।’ उन्होंने कहा कि ईवीएम में इसलिए गड़बड़ी होती है क्योंकि जो लोग उनकी साज-संभाल करते हैं उन्हें या तो इन मशीनों को चलाना नहीं आता, या चलाने में कोई गलती हुई हो या फिर उन्हें अच्छे से प्रशिक्षण न मिला हो। बाद में परीक्षणों में उन मशीनों में कोई गड़बड़ी नहीं मिली।
उन्होंने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी के मामले में चुनाव आयोग ने तत्काल मशीनें बदलवाईं ताकि भरोसा बढ़ सके और लोगों को नजरिया बदल सके ना कि इसलिए क्योंकि उनमें कुछ खामी थी। ईवीएम को राष्ट्र का गौरव बताते हुए कृष्णमूर्ति ने कहा कि उनकी वजह से हम इतना सारा कागज और वक्त बचा पा रहे हैं।