देहरादून: लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों का ऐलान होते ही उत्तराखंड की सियासत गरमा उठी है। खबर आ रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री व मेजर जनरल बीसी खंडूरी के बेटे मनीष खंडूरी के कांग्रेस में शामिल होने जा रहे है। इस खबर से पौड़ी सीट पर प्रत्याशी चयन की पहेली में उलझी भाजपा असहज है। वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है।
2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ‘खंडूरी हैं जरूरी’ का नारा दिया था। उनके नाम पर भाजपा पूरे प्रदेश में अच्छी सीटें जीतकर लाई। एक सीट से भाजपा सरकार बनाने से चूक गई थी। उसका सबसे बड़ा कराण था, जनरल खंडूरी की हार। उनको उस चुनाव में किसी और ने नहीं, बल्कि सुरेंद्र सिंह नेगी ने ही हराया था। लेकिन सुरेंद्र सिंह नेगी ने मनीष खंडूरी का नाम सामने आते ही ऐलान किया कि वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। अपना पूरा ध्यान चुनाव प्रचार कर पार्टी प्रत्याशियों को जिताने पर लगाएंगे। उन्होंने दावा भी किया कि कांग्रेस पांचों सीटों पर जीत हासिल करेगी।
2019 के चुनावी समर का ऐलान होते ही राजनीति दल अपनी-अपनी चालें चलने लगे हैं। कोई वजीर पर नजर गढ़ाए हुए है, तो कोई वजीर के सिपाहियों को अपने कब्जे में लेना चाहता है। जहां तक उत्तराखंड की बात है। शुरूआती दौर में कांग्रेस ने भाजपा को एक बड़ा झटका पूर्व सीएम के बेटे मनीष खंडूरी को कांग्रेस में शामिल कराकर दे दिया है। हालांकि इस बात की अब तक आधिकारिक पुष्टी नहीं हुई है। माना जा रहा है कि 16 मार्च को राहुल गांधी के तय कार्यक्रम में ही मयंक को आधिकारिक रूप ज्वाइन कराया जाएगा।
भाजपा के आंतरिक सर्वे में पौड़ी लोकसभा सीट को ‘ए’ प्लस की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन टिकट की दावेदारी को लेकर ये सीट सबसे हॉट बनी हुई है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, इस सीट पर नए-नए दावेदारों का खुलासा हो रहा है। खुद को फिट बताकर सांसद खंडूरी ने उनके खराब स्वास्थ्य की अटकलों को विराम दे दिया तो अब उनके बेटे के कांग्रेस में जाने की चर्चाओं ने सियासत गरमा दी है।