चंडीगढ़ : हरियाणा में लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने मनोहर लाल खट्टर ने दिवाली के मौके पर राजधानी चंडीगढ़ में शपथ ली। उनके अलावा जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला ने डेप्युटी सीएम की शपथ ली है। बीजेपी और जेजेपी की इस मिलीजुली सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा भी पहुंचे और लोकतंत्र की खूबसूरत तस्वीर पेश की। हालांकि, जाते-जाते वह जेजेपी से नाराजगी भी जता गए। उन्होंने बीजेपी को जेजेपी के समर्थन को जनादेश का अपमान बताया।
हुड्डा का कहना था, ‘यह गठबंधन ‘वोट किसी का, सपॉर्ट किसी को’ के आधार पर बना है। यह सरकार स्वार्थ पर आधारित है। जेजेपी ने जनादेश का अपमान किया है। हमारी पार्टी में हुए बदलावों के बाद हमारे पास कम समय बचा था। अगर ये बदलाव पहले हो गए होते तो नतीजे इनसे अलग होते।’
गौरतलब है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में हरियाणा में बीजेपी को 40 सीटें मिली थीं, वहीं कांग्रेस महज 31 सीटें ही पा सकी। लेकिन बड़ा उलटफेर किया दुष्यंत चौटाला की जेजेपी ने जिसे 10 सीटें मिली थीं। बहुमत के लिए जरूरी 46 सीटों का आंकड़ा पाने में जेजेपी की अहम भूमिका को देखते हुए हुड्डा ने भी उनकी ओर हाथ बढ़ाया था लेकिन दुष्यंत ने बीजेपी के साथ सरकार बनाने का फैसला किया।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने बीजेपी और जेजेपी द्वारा हरियाणा के जनता के जनादेश का सम्मान करते हुए हाथ मिलाने के कदम की सराहना की। बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को शुभकामनाएं देते हुए अकाली दल के संरक्षक और पांच बार के पूर्व मुख्यमंत्री बादल ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि दोनों पार्टियां गरीबों के कल्याण व सामाजिक सौहार्द के लिए काम करेंगी। खट्टर ने शपथ लेने से पहले मीडिया से कहा, ‘मेरी सरकार पारदर्शी होगी।’
65 वर्षीय खट्टर दूसरे कार्यकाल में भी 1 नवंबर 1966 को बने राज्य की सरकार के मुखिया होंगे। बीजेपी विधायक दल की शनिवार को हुई बैठक में खट्टर को नेता चुना गया। वह हरियाणा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं। खट्टर ने शपथ लेने से पहले मीडिया से कहा, ‘मेरी सरकार पारदर्शी होगी।’