खंडवा : मध्य प्रदेश कांग्रेस में एक के बाद एक शीर्ष नेता बगावत पर उतारू हो रहे हैं पहले अध्यक्ष पद को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी नाराजगी जताई। सिंधिया की पार्टी छोड़ने तक की बात सामने आई थी। उसके बाद मध्य प्रदेश सरकार मैं मंत्री उमंग सिंगार ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाया। तो वहीं अब अरुण यादव ने ट्वीट कर अपना दुख जाहिर किया है। अरुण यादव ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मप्र मे 15 सालों तक ईमानदार पार्टीजनों के साथ किये गए संघर्ष के बाद 8 महीनों मे जो स्थितियां सामने आ रही हैं,उसे देखते हुए बहुत व्यथित हूँ,यदि इतनी जल्दी इन दिनों का आभास पहले ही हो जाता तो शायद जान हथेली पर रखकर जहरीली और भ्रष्ट विचारधारा के ख़िलाफ़ लड़ाई नही लड़ता,बहुत आहत हूँ। ट्वीट के सामने आने के कई मायने निकले जा रहे हैं। आपको बता दें कि अरुण यादव पूर्व में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और इस बार फिर प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल है।
मप्र मे 15 सालों तक ईमानदार पार्टीजनों के साथ किये गए संघर्ष के बाद 8 महीनों मे जो स्थितियां सामने आ रही हैं,उसे देखते हुए बहुत व्यथित हूँ,यदि इतनी जल्दी इन दिनों का आभास पहले ही हो जाता तो शायद जान हथेली पर रखकर जहरीली और भ्रष्ट विचारधारा के ख़िलाफ़ लड़ाई नही लड़ता,बहुत आहत हूँ। pic.twitter.com/TFMqwK64kO
— Arun Yadav (@MPArunYadav) September 3, 2019
मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने एक ट्वीट कर अपनी व्यथा बताई की,उन्होंने भी पार्टी के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी पर उन्हें पार्टी में सही स्थान नहीं मिल रहा है। आपको बता दें कि अरुण यादव पूर्व में प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस में व्यापम जैसे मुद्दों को उठाया और तत्कालीन सरकार को बैकफुट पर आने को मजबूर कर दिया था। प्रदेश अध्यक्ष की लड़ाई में अरुण यादव भी दावेदार हैं। उनके इस ट्वीट के बाद ऐसा माना जा रहा है कि अगर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ से बाहर किया जाता है तो वे पार्टी से बगावत कर सकते हैं। इस ट्वीट के बाद अभी तक अरुण यादव का कोई अध्यक्ष पद को लेकर अधिकारिक बयान सामने नहीं आया हैं।