नई दिल्ली [ TNN ] केंद्र सरकार ने चीन से सटी सीमा पर चार रेलवे लाइनें बिछाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक हजार किलोमीटर लंबी ये लाइनें हिमालय के क्षेत्र में बिछाई जाएंगी, जिनका विस्तार असम, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और अरूणाचल प्रदेश में होगा। इन लाइनों का इस्तेमाल भारतीय सेना रणनीतिक इस्तेमाल के लिए करेगी। पिछले सप्ताह योजना आयोग, रक्षा, रेलवे और वित्त मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के बीच हुए हुई बैठक में पीएमओ ने रेलवे को इन लाइनों का सर्वे करने का आदेश दिया है।
सर्वे में आने वाले खर्चे के आंकलन के लिए रेलवे को एक महीने का समय दिया गया है। बताया जा रहा है दो साल में पूरा होने वाले इस सर्वे में करीब 200 करोड़ रूपए का खर्चा आएगा। रेलवे ने पीएमओ को बताया कि ये रेल लाइनें हिमालय के आसपास ही बिछाई जाएंगी, ऎसे में लाइनें बिछाने में काफी खर्चा आएगा, क्योंकि रास्ते में पड़ने वाले पहाड़ों में सुरंगे बनानी होंगी।
गौरतलब है कि चीन ने अपने क्षेत्र में सीमा से सटे क्षेत्र में रेलवे और सड़क नेटवर्क बना रखा है। लेकिन हालही में भारत सरकार द्वारा चीन से सटी सीमा वाले इलाके में सड़क बनाने के फैसले पर चीन ने एतराज जताया था। जिसका भारत ने चीन को करारा जवाब दिया था। भारत ने कहा था कि हम हमारे क्षेत्र में कुछ भी करें इसके लिए हमें किसी से कुछ पूछने की जरूरत नहीं है।
ये होंगी रेल लाइनें:-
-मिसामारी-तवांग (378 किलोेमीटर)
-असम-अरूणाचल प्रदेश, उत्तरी लखीमपुर-सिलापथर (248 किलोमीटर)
-असम-अरूणाचल प्रदेश, मुरकोंगसेलेक-पासीघाट-तेजू-परशुराम कुंड-रूपई (256 किलोमीटर)
-हिमाचल प्रदेश-जम्मू एवं कश्मीर, बिलासपुर-मंडी-मनाली-लेह (498 किलोमीटर)