नई दिल्ली : फरवरी 2021 को आम बजट 2021 पेश होगा। प्रति वर्ष बजट से पहले विभेन्न क्षेत्रों और आम लोगों से सुझाव लिए जाते हैं। पिछले साल कोरोना वायरस महामारी से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। ऐसे में बजट का महत्व और भी बढ़ गया है। सरकार ने बजट 2021-22 की चर्चाओं में लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए MyGov प्लेटफॉर्म पर सुविधा भी दी थी। हर वर्ग की निगाहें बजट पर टिकी हैं।
महामारी से वरिष्ठ नागरिक भी प्रभावित हुए है। आमतौर पर सरकार बजट में वरिष्ठ नागरिकों की जिंदगी पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कुछ कदम जरूर उठाती है। इसलिए इस साल भी उन्हें केंद्र सरकार से राहत की उम्मीद है। ऐसे में वरिष्ठ नागरिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव भी दिए हैं।
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में मिले अधिक लाभ
- नागरिकों ने पीएम मोदी से अनुरोध है कि सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS) पर 10 फीसदी ब्याज का लाभ दिया जाए। मौजूदा समय में इसके तहत 7.4 फीसदी ब्याज मिलता है।
- इसके साथ ही तिमाही देय ब्याज का भुगतान मासिक रूप से किया जाना चाहिए है।
- नागरिकों ने अपील की है कि योजना की लिमिट 15 लाख से 30 लाख रुपये तक बढ़ाई जाए।
- वरिष्ठ नागरिकों अपने बच्चों पर निर्भर रहने के बिना 25,000 रुपये मासिक ब्याज के रूप में स्थायी आय प्राप्त करने में सक्षम होंगे। नागरिकों ने कहा कि इस आय पर कर नहीं काटना चाहिए।
- निवेश की अवधि 15 साल के लिए होनी चाहिए, न कि पांच साल के लिए क्योंकि जीवन प्रत्याशा 75 है और यह बढ़ रही है।
- इस योजना के लिए एक प्रस्ताव पारित करें कि ब्याज दरों को कम नहीं किया जाना चाहिए और मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए इसे बढ़ाया जाना चाहिए।
कर छूट की मांग
- इसके अतिरिक्त नागरिकों ने यह भी अनुरोध किया है कि अगर उनकी आय पांच लाख रुपये तक है, तो इसपर कोई रिटर्न दाखिल नहीं होना चाहिए।
- वहीं, अगर आय पांच लाख रुपये से अधिक है, तो आप उसके अनुसार कर लगा सकते हैं।
budci
- वरिष्ठ नागरिकों को देशभर में दवाइयों की कीमत पर 30 फीसदी की छूट मिलनी चाहिए। इनका कहना है कि आधार कार्ड जमा करने पर वरिष्ठ नागरिकों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराई जा सकती हैं।
- इसी तरह सभी पैथोलॉजी चेकअप, उपचार और ऑपरेशन के लिए भी छूट दी जानी चाहिए।
- वरिष्ठ नागरिकों ने मांग की है कि उन्हें दांतो का इलाज के लिए विशेष रूप से छूट दी जानी चाहिए क्योंकि यह बहुत महंगा हो गया है।
- यहां तक कि मेडिकल प्रीमियम भी कम किया जा सकता है।
वरिष्ठ नागरिकों ने पीएम से कहा कि, ‘आपने देखा होगा कि अब माता-पिता बच्चों के लिए बोझ बन गए हैं और वे उन्हें छोड़ देते हैं। वे करियर माइंडेड और सेल्फ सेंटर्ड हैं। वरिष्ठ नागरिक इस तथ्य को साझा करने से कतराते हैं क्योंकि वे अभी भी अपने बच्चों का सम्मान करते हैं लेकिन उन्हें कष्ट होता है।’ ऐसे में अब देखना ये होगा कि वित्त मंत्री के पिटारे से वरिष्ठ नागरिकों को क्या सौगात मिलती है।