टोक्यो- G7 देशों के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रियों ने जापान में शनिवार को एक बैठक के दौरान इंटरनेट ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने, डिजिटल खाई को पाटने तथा राजनीतिक सेंसरशिप से इंटरनेट को बचाने पर सहमति जताई। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक जी7 देशों जापान, अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, इटली और यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने साल 2020 तक 1.5 अरब और लोगों तक इंटरनेट पहुंचाने की योजना बनाई है।
माना जाता है कि करीब 4 अरब लोग अभी तक इंटरनेट से वंचित हैं, जो दुनिया की आबादी का 60 फीसदी है। उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि हर जगह के लोगों के जीवन स्तर को बढ़ाने और आर्थिक विकास पैदा करने में वैश्विक डिजिटल कनेक्टिविटी की बहुत बड़ी भूमिका है।”इस दौरान उन्होंने चीन और रूस जैसे देशों (जहां सरकार वेब सामग्रियों का सेंसरशिप करती है) से सूचना के मुक्त प्रवाह की गुजारिश की।
इस बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया, “हम आईटीसी नीतियों को समर्थन देते रहेंगे, ताकि इंटरनेट के वैश्विक प्रकृति को बरकरार रखा जा सके। साथ ही सीमाओं के पार सूचनाओं के प्रवाह को बढ़ावा देते रहेंगे ताकि इंटरनेट प्रयोक्ता अपनी पसंद की जानकारी, सेवाएं और ज्ञान को हासिल कर सकें।”
साइबर सुरक्षा और साइबर आतंकवाद पर ज़ोर
इस समूह ने सरकारों, निजी क्षेत्रों, नागरिक समाज, प्रौद्योगिकी समुदाय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को सक्रिय रूप से ई-गर्वनेंस संबंधी मामलों पर काम करने को कहा। इस बैठक में साइबर सुरक्षा और साइबर आतंकवाद से लड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय और सार्वजनिक-निजी भागीदारी मजबूत करने पर जोर दिया गया। जापान फिलहाल इस संगठन का अध्यक्ष है। बारी-बारी से यह पद सभी देशों को मिलता है।
जी7 देशों की सूचना व प्रसारण तकनीक बैठक 21 सालों में पहली बार हो रही है। आगामी 26 और 27 मई को जापान में होने वाले जी7 देशों की बैठक में भी इस सम्मेलन के निष्कर्षो पर चर्चा होगी।