भोपाल- मध्य प्रदेश कांग्रेस इन दिनों बुरे हालात से गुजर रही है। हाल में प्रदेश कांग्रेस की नवगठित कमेटी में जगह नहीं मिलने पर कई नेता नाराज हो गए हैं। विधानसभा चुनाव लड़ चुके गोविंद गोयल ने गांधी जयंती पर अपनी नाराजगी जताने मुंडन कराया।
गोविंद गोयल ने पिछले दिनों इसकी घोषणा कर दी थी। उन्होंने कुछ कांग्रेसियों पर भाजपा का समर्थन करने का आरोप भी लगाया था। बहरहाल, गोविंद गोयल शुक्रवार सुबह पुरानी विधानसभा स्थित गांधीजी की प्रतिमा स्थल पर पहुंचे और सिर मुंड़ाया। उनके साथ कई असंतुष्ट कांग्रेसी थे।
नव गठित कार्यकारिणी में गोयल महामंत्री के दावेदार थे, पर उन्हें यह पद नहीं मिल सका। मुंडन के बाद गोविंद गोयल प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे। यहां उनका धरना-प्रदर्शन का प्लान था।
अपने इस आंदोलन के कुछ दिन पहले कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता ने मीडिया से कहा था कि उनका उद्देश्य पार्टी कार्यकर्ताओं को महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के आदर्शों से जोड़ना है।
हालांकि उनके कुछ समर्थकों ने शुक्रवार को स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर गोयल को कार्यकारिणी में शामिल नहीं किया गया, तो इस प्रकार के आंदोलन आगे भी होंगे। इसी बीच पार्टी के अंदरुनी मतभेदों को खारिज करने की कोशिश में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव भी गोयल और उनके समर्थकों का साथ देने के लिए धरनास्थल पर पहुंचे। प्रदेश अध्यक्ष ने यहां भजन भी गाए।
वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने गोयल की पार्टी नेतृत्व से नाराजगी की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि उनका यह कार्यक्रम गांधी जयंती के अवसर पर रखा गया था। इसे उनके पार्टी नेतृत्व के खिलाफ प्रदर्शन के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।
दिल्ली तक पहुंचा था विवाद
प्रदेश कांग्रेस में विवाद को सुलझाने पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ आगे आए थे। बावजूद असंतुष्ट मानने को तैयार नहीं हुए। असंतुष्ट नेता मानक अग्रवाल के घर पर करीब 2 घंटे तक मामला सुलझाने बैठक हुई थी।
इसमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, आरिफ अकील, डॉ.गोविंद सिंह, राजा पटेरिया, गोविंद गोयल सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। पिछले दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल आए थे, तब भी यह मामला उछला था।