अमेठी: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत दिए गैस कनेक्शन की वजह से मौजूदा समय में गैस सिलेंडरों की संख्या बढ़ गई है इसलिए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सिलेंडर और गैस के वजन में उलझा कर अब गैस चोरी को अंजाम दिया जा रहा है।
गैस चोरी का खेल,सारे नियम हो रहे फेल-
सूत्रों के अनुसार, गैस चोरी का खेल सिलेंडरों के गोदाम पर होता है ग्रामीण क्षेत्रों में हर सिलेंडर से ढाई सौ ग्राम से लेकर एक किलो तक की गैस चोरी कर ली जाती है। खबर है कि कुछ गैस एजेंसी संचालक तो प्रति सिलेंडर 15 से 50 रुपये तक का मुनाफा कमा रहे है ।अमेठी जनपद में इन दिनोें कई सिलेंडरों में घटतौली की शिकायत आ रही है सिलेंडर में गैस कम मिलने से उपभोक्ता खासे परेशान हैं उपभोक्ताओं ने जिला प्रशासन से गोदामों और वितरण केंद्र पर छापामारी करने की मांग की है।
जनपद के विभिन्न क्षेत्रो में इन दिनों कई रसोई गैस सिलेंडरों में घटतौली की शिकायत मिल रही है। लोगों का कहना है कि वितरण केंद्र पर लंबे समय से प्रशासन की छापामारी नहीं होने से यह समस्या खड़ी हो रही है। हालत यह है कि सिलेंडरों में लगभग एक किलो तक गैस कम निकल रही है
हॉकर्स ऐसे करते हैं खेल-
जनपद में उपभोक्ताओं के घर तक घरेलू गैस पहुंचाने वाले हॉकर्स द्वारा जमकर घटतौली का खेल जारी है उनके आगे सारे नियम फेल साबित हो रहे हैं। इससे न सिर्फ उपभोक्ताओं को मोटा चूना लग रहा है बल्कि उनकी शिकायत भी कोई सुनने वाला नहीं है। चाहे वह गैस एजेंसी संचालक हो या आपूर्ति विभाग। ऐसे में उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ती जा रही है। हॉकर गोदाम से सिलेंडर लेने के बाद उनमें से कुछ सिलेंडर घर या किसी निश्चित स्थान पर रख आते हैं और वहा पर पहले से रखे सिलेंडर उठाकर ग्राहकों के घर बाटते हैं। जिनमें से दो से तीन किग्रा तक गैस कम होती है। सिलेंडरों से गैस निकालकर उसकी नकली सील लगा दी जाती है।
उपभोक्ताओं में बढ़ता जा रहा आक्रोश-
सूत्रों के मुताबिक यह खेल एजेंसी संचालक और गैस की आपूर्ति कर रहे कर्मचारी मिलकर कर रहे हैं। मजे की बात यह कि यह खेल बहुत पहले से चल रहा है। इसे लेकर उपभोक्ताओं में जबरदस्त आक्रोश है जबकि आपूर्ति विभाग इससे अनभिज्ञ बना है।
जरा उपभोक्ताओं की सुनिये-
मुसाफिरखाना के संजय तिवारी, दादरा पूरे पंडा निवासी मुकेश, सूलपुर काशीपुर की अंतिमा मिश्रा का आरोप है कि बिगत कई महीने में सिलेंडर में गैस कम मिली थी जिसकी शिकायत करने पर पता लगाने की बात कह एजेंसी संचालक अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ले रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि यह काम एजेंसी संचालक और गैस की आपूर्ति कर रहे कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। इन उपभोक्ताओं ने मुख्यमन्त्री योगी आदित्य नाथ से अपील की है कि पेट्रोल पम्पो की तर्ज पर ही रसोई गैस एजेंसियों पर भी सघन और नियमित छापेमारी होना चाहिए।
सरकार ने नियम बनाए पर नहीं हो रहा पालन-
रसोई गैस की कालाबाजारी और घटतौली सरकारों के लिए भी सिरदर्द बनी हुई है। केंद्र सरकार ने रसोई गैस की कालाबाजारी रोकने के लिए ही अनुदान राशि सीधे गैस उपभोक्ता के खाते में भेजनी शुरू कर दी है। मगर रसोई गैस की घटतौली अभी भी जारी है। इसके समाधान के लिए सरकार ने नियम को संशोधित किया है। नये नियम के तहत गैस हॉकर को अंतरराष्ट्रीय मानक वाला इलेक्ट्रानिक काटा रखना अनिवार्य है ।
रिपोर्ट@राम मिश्रा