गिरिश चंद्र मुर्मू ने राजीव महर्षि की जगह ली है। राजीव महर्षि शनिवार को ही इस पद से रिटायर हुए हैं। महर्षि 1978 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। मुर्मू 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया था। मुर्मू को अक्टूबर, 2019 में उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था।
नई दिल्लीः दिल्ली में गिरीश चंद्र मुर्मू ने शनिवार को देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया है। उन्होंने पदभार संभालने के बाद सीएजी कार्यालय में महात्मा गांधी और बीआर अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी। मुर्मू को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में सीएजी पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। राष्ट्रपति भवन के अशोक हॉल में आयोजित समारोह में मुर्मू ने शपथ ली।
गौरतलब है कि मुर्मू ने बुधवार को ही जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के पद से इस्तीफा दिया था। अब उनकी जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है।
Delhi: GC Murmu takes charge as the Comptroller and Auditor General (CAG) of India. Also pays tribute to Mahatma Gandhi & BR Ambedkar at CAG office.
He stepped down as the Lieutenant Governor of Jammu & Kashmir earlier this week. pic.twitter.com/m64wUQykf0
— ANI (@ANI) August 8, 2020
1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं मुर्मू
गिरिश चंद्र मुर्मू ने राजीव महर्षि की जगह ली है। राजीव महर्षि शनिवार को ही इस पद से रिटायर हुए हैं। महर्षि 1978 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। मुर्मू 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया था। मुर्मू को अक्टूबर, 2019 में उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था। बुधवार यानी पांच अगस्त को ही पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त किए जाने का एक साल पूरा हुआ था। मुर्मू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं। मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब मुर्मू को प्रिंसिपल सेक्रेटरी चुना गया था। मुर्मू का सीएजी के तौर पर कार्यकाल 20 नवंबर 2024 तक होगा।
बता दें कि सीएजी एक संवैधानिक पद है जिसपर केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों के खातों की लेखापरीक्षा करने की प्राथमिक जिम्मेदारी है। सीएजी की लेखापरीक्षा रिपोर्टों को संसद और राज्य विधानसभाओं में पेश किया जाता है।