हरिद्वार स्थित भारत माता मंदिर के स्वामी गोविंद देव गिरिजी महाराज ने शनिवार को कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लागू होने तक हिंदुओं को कम से कम चार बच्चे पैदा करने चाहिए ताकि ‘जनसांख्यिकीय असंतुलन’ पर लगाम लगाई जा सके।
उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में हिंदू आबादी कम हुई उन क्षेत्रों को भारत ने खो दिया, जिससे जनसांख्यिकीय असंतुलन पैदा हुआ, इसलिए दो बच्चों की नीति सिर्फ हिंदुओं के लिए ही सीमित नहीं रहनी चाहिए।
तटीय कर्नाटक के उडुपी में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की ओर से आयोजित तीन दिवसीय धर्म संसद के दूसरे दिन पत्रकारों से बातचीत में गोविंद देव ने यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सरकार अधिकतम दो बच्चों पर जोर दे रही है, लेकिन जब तक समान नागरिक संहिता लागू न हो जाए, तब तक हिंदुओं को कम से कम चार बच्चे पैदा करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में हिंदुओं की संख्या कम हुई, उनमें से कई क्षेत्रों को भारत ने खो दिया। स्वयंभू गोरक्षकों की ओर से कानून अपने हाथ में लेने की घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर गोविंद देव ने कहा कि ‘गोरक्षकों’ की आड़ में कुछ अपराधी अपना निजी हिसाब-किताब चुकता कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘गोरक्षक शांति प्रिय लोग हैं। कुछ निहित स्वार्थ वाले तत्वों की ओर से उन्हें बदनाम किया गया है। धर्म संसद में 2,000 से ज्यादा हिंदू संत, मठाधीश और देशभर के विहिप नेता हिस्सा ले रहे हैं।