गाजियाबाद: स्नैपडील महिला इंजिनियर किडनैप मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के अनुसार दोपहर 1 बजे तक पुलिस प्रेस कांफ्रेंस करके वारदात की पूरी जानकारी देगी। सूत्रों के मुताबिक स्नैपडील महिला इंजिनियर दीप्ति सरना अपहरण कांड का मास्टर माइंड दीप्ति का ‘दोस्त’ ही है।
हालांकि पुलिस अफसर अभी भी इसका ऑफिशियली खुलासा नहीं कर रहे हैं, लेकिन सूत्रों का दावा है कि जांच में जो बातें छनकर आई हैं, वह यही हैं। बदला लेने और टशनबाजी में वारदात की गई। साजिश में करीब छह लोग शामिल थे। चार संदिग्धों पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। एसएसपी सोमवार को खुलासा कर सकते हैं।
दीप्ति ने जो अपहरण की कहानी पुलिस को सुनाई है, उसकी कई बातों में झोल है। 100 से अधिक ऑटो चालकों के फोटो दीप्ति को दिखाए गए हैं। इनमें से कुछ ऑटो चालकों का चेहरा दीप्ति ने अपहरणकर्ताओं से मिलता जुलता बताया है। एसएसपी ने बताया कि कुछ ऐसी बातें पता चली हैं, जिनसे अपहरण के पीछे की वजह दीप्ति की जिंदगी से ही जुड़ा एक पहलू हो सकता है। जिन चार लोगों पर दीप्ति ने अपहरण का शक जताया है, उनके बारे में अहम सुराग मिले हैं। उन्होंने कहा कि खुलासे के बाद हवा में तैर रहे सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे।
रविवार को पुलिस ने दीप्ति को साथ ले जाकर घटना का ‘डेमो’ करके देखा। कार उसके पिता नरेंद्र सरना चला रहे थे, बगल की सीट पर एसएचओ अवनीश गौतम बैठे थे। पीछे कार में भाई जतिन और नेहरूनगर चौकी इंचार्ज अक्षय चौधरी बैठी थीं, बीच में दीप्ति बैठी थी। उसने चेहरा ढंका हुआ था, उसकी कार पौने छह बजे राजनगर एक्सटेंशन कट से 50 मीटर की दूरी पर रोकी गई। दीप्ति ने बताया कि दूसरी लड़की को यहीं उतारा गया और उसका अपहरण कर लिया गया।
पांच कदम की दूरी पर कुछ दुकानें हैं, जो उस वक्त खुली हुई थीं। उसे बदमाश आंखों पर पट्टी बांधकर ऑटो में यहां से लेकर चले, करीब पांच मिनट पुलिस ने यहां पर रुककर दीप्ति से पूछताछ की। इसके बाद राजनगर एक्सटेंशन की ओर मोरटी गांव में खेतों के पास ले जाया गया, जहां दीप्ति ने पुलिस से कहा कि यही वह जगह है जहां उसे ऑटो से उतारकर कार में ले जाया गया था।
आंखों पर पट्टी बंधी थी। दीप्ति को फिर भी राजनगर एक्सटेंशन से मोरटी तक का रूट याद रहा। ऐसे में सवाल उठा कि बिना रुके दीप्ति को राजनगर एक्सटेंशन से मोरटी गांव के अंदर जंगल तक का रास्ता याद कैसे रहा तो पुलिस ने कहा कि रास्ते में उसकी पट्टी खोल दी जाती थी, जवाब संतुष्ट करने वाला नहीं था। फिर पूछा गया कि इस रास्ते में करीब 7-8 कट पड़ते हैं, फिर भी दीप्ति भूली नहीं तो एसएसपी बोले कि वो गाजियाबाद की ही रहने वाली है, इसलिए उसे रास्ते याद हैं। इससे आगे उसे चांदीनगर के रास्ते सोनीपत ले जाया गया था।
[डेस्क]