जम्मू-कश्मीर में मौजूदा स्थिति को लेकर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एक तरफ सरकार का कहना है कि स्थिति सामान्य है, दूसरी तरफ वे किसी को भी जाने की अनुमति नहीं देते हैं। आजाद ने सवाल उठाया कि अगर चीजें सामान्य हैं तो राजनीतिक नेताओं को नजरबंद क्यों किया जाता है?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा, एक तरफ सरकार कहती है कि सब कुछ सामान्य है और दूसरी ओर वे हमें वहां जाने नहीं दे रही अगर हालात सामान्य हैं तो कई नेता नजरबंद क्यों हैं।
राहुल गांधी के नेतृत्व में विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के लोगों से मिलने के लिए श्रीनगर रवाना होगा। इसी दौरे को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एक तरफ सरकार का कहना है कि स्थिति सामान्य है, दूसरी तरफ वे किसी को भी जाने की अनुमति नहीं देते हैं। आजाद ने सवाल उठाया कि अगर चीजें सामान्य हैं तो राजनीतिक नेताओं को नजरबंद क्यों किया जाता है?
याद रहे की दें कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित राज्यों में बांटने के बाद श्रीनगर समेत कुछ शहरों में प्रतिबंध लगे हैं। इस बीच, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने विपक्षी नेताओं से न आने और शांति व्यवस्था बनाने में मदद करने को कहा है।
जानकारी के मुताबिक, प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, माकपा से सीताराम येचुरी, भाकपा के डी. राजा, डीएमके के टी सिवा, राजद के मनोज झा और तृणमूल से दिनेश त्रिवेदी शामिल होंगे। इनके साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भी जाने की बात कही जा रही है। इस बीच शुक्रवार देर शाम वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने बैठक कर इस मुद्दे पर चर्चा की।
अनुच्छेद-370 खत्म करने के बाद सरकार ने किसी नेता को राज्य में आने की अनुमति नहीं दी है। पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत क्षेत्रीय दलों के नेता भी नजरबंद हैं। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को दो बार श्रीनगर और जम्मू एयरपोर्ट से वापस लौटा दिया गया। डी राजा को भी श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया था।