भारतीय जनता पार्टी के नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। गुरुवार को पूर्णिया में उन्होंने कहा कि 1947 में ही सभी मुस्लिमों को पाकिस्तान भेज देना चाहिए था। हमारे पूर्वजों ने गलती की।
उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के कारणों में एक वाजिब नागरिकता का बड़ा सवाल था। देश विभाजन के समय चूक हुई।
उन्होंने कहा, ‘1947 में आजादी के समय हमारे पूर्वजों से भूल हुई। अगर उस वक्त ही मुसलमान भाइयों को वहां (पाकिस्तान) भेज दिया जाता और हिंदुओं को यहां बुला लिया जाता, तो आज यह नौबत ही नहीं आती।’
गिरिराज सिंह ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के नाम पर भारत विरोधी एजेंडा चल रहा है। CAA पर जो जुबान पाकिस्तान बोलता है। वहीं, कांग्रेस और कम्युनिस्ट सभी लोग बोल रहे हैं, जो देश का नागरिक होगा उसे भला सीसीए का भय क्यों होगा।
गिरिराज सिंह ने कहा कि शरजील इमाम कहता है कि इस्लामिक स्टेट बनाएंगे और भारत के चिकन नेक को काट देंगे, तब यह लोकतांत्रिक नहीं बल्कि खिलाफत आंदोलन हो जाता है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का एक छात्र कहता है कि जो हमारी कौम से टकराया है वह बर्बाद हुआ है। यहां भी जो हमसे टकराएगा, बर्बाद हो जाएगा। हद तो तब हो जाती है जब हैदराबाद में कहा जाता है कि अगर CAA वापस नहीं लिया गया तो हम ईंट से ईंट बजा देंगे।
गिरिराज सिंह ने असदुद्दीन ओवैसी की सभा में वारिस पठान के उस वक्तव्य का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने 15 करोड़ को 100 करोड़ पर भारी बताया था।
उन्होंने कहा कि आजादी और विभाजन पर बात करते हुए कहा कि 1947 के पहले हमारे पूर्वज आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे और जिन्ना देश को इस्लामिक स्टेट बनाने की योजना बना रहा था। आज भी यही माहौल है।
पूर्णिया में 30 साल पहले की आबादी में बड़ा बदलाव हुआ है जिसे समझने की जरूरत है। बता दें कि गिरिराज सिंह आजकल उन ज़िलों में सभाएं कर रहे हैं जहां जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार अपनी जन गण मन यात्रा में जनसभा को संबोधित कर रहे हैं।