मुजफ्फरपुर : बालिका गृह यौन शोषण मामले में एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। ये खुलासे बता रहे हैं कि आश्रय गृह में रहने वाली लड़कियों के साथ किस तरह से दरिंदगी की जाती थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लड़कियों ने बताया कि बालिका गृह में शाम होते ही अय्याश लोगों की महफिल शुरू हो जाती थी। अश्लील गीतों पर डांस होता था और उसके बाद बच्चियों के साथ हैवानियत शुरू होती थी।
विरोध करने पर लड़कियों के कपड़े उतार उनकी पिटाई की जाती थी। बात यहीं तक सीमित नहीं थी, आश्रय गृह की लड़कियों से देह व्यापार भी करवाया जाता था। उन्हें होटलों में व अन्य जगहों पर गलत काम करवाने के लिए भेजा जाता था। उन्हें नशे की दवा खिलाकर दुष्कर्म किया जाता था।
पुलिस के समक्ष एक पीडि़ता ने बताया था कि एक दिन उसे पेट के कीड़े मारने के नाम पर दवा दी गई, इसके बाद वह बेहोश हो गई। जब उसे होश आया तो देखा कि उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। उसके प्राइवेट पार्ट में दर्द हो रहा था। तब उसे पता चला कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया है।
मुजफ्फपुर बालिक गृह में मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, इसके संचालक ब्रजेश ठाकुर की हैवानियत के नए-नए मामले उजागर हो रहे हैं। ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ सेवा संकल्प व विकास समिति के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इस प्राथमिकी में समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक देवेश कुमार शर्मा ने सोमवार की रात महिला थाने में 11 महिलाओं के लापता होने को लेकर करायी है। इसमें सेवा संकल्प व विकास समिति के संचालक व अन्य को आरोपित बनाया है।
महिला थाने की थानेदार ज्योति कुमारी ने बताया कि एफआईआर कर ली गई है। पुलिस छानबीन में जुटी है। प्राथमिकी में यह बताया गया है कि स्वधार गृह में भी 11 महिलाएं थीं, लेकिन जब बालिका गृह कांड के बाद 9 जून को निरीक्षण किया गया, तो वहां ताला बंद था।
बता दें कि स्वधार गृह में परिवार से अलग हो चुकी महिलाएं रहती हैं। इन्हें स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया जाता है।
वहीं, इस मामले की सीबीआई जांच शुरू होते ही टीम का नेतृत्व कर रहे एसपी जेपी मिश्रा ने पूरे आश्रय गृह का जायजा लिया। यहां उन्होंने देखा कि बालिकागृह में जाने के लिए तीन ओर से सीढ़ीयां बनी है। इस पर उन्हाेंने कहा कि यह तो जेल की तरह दिखता है।
बता दें कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सायंट की टीम ‘कशिश’ द्वारा बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह में यौन शोषण मामले का खुलासा होने पर इसके संचालक ब्रजेश ठाकुर, समाज कल्याण अधिकारी रवि कुमार रौशन, किरण कुमारी सहित कुल 10 आरोपियों गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा निर्देश दिए जाने के बाद सीबीआई अब इस मामले की जांच कर रही है।