‘औरतें उठीं नहीं तो जुल्म बढ़ता जाएगा…’ गीत से ‘आजादी मार्च’ की शुरुआत हुई। इसके बाद कुछ गीत और क्रांतिकारी नारेबाजी के साथ कारवां बढ़ता गया और चंडीगढ़वासी इसके साथ जुड़ते गए।
मार्च में हर उम्र वर्ग की युवतियां, महिलाएं, बच्चे, युवा, बुजुर्ग तक ने भागीदारी की। मकसद सिर्फ महिलाओं की आजादी, उन्हें बेखौफ जीने देने की आजादी। उनके सम्मान की आजादी, उनके पहनावे उनके रहन-सहन और उनकी समाज में बराबर की भागीदारी।
दरअसल, हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस की बेटी के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना के विरोध में शुक्रवार रात महिलाओं ने बेखौफ आजादी मार्च निकाला। यह मार्च रोज गार्डन से रात करीब दस बजे शुरू होकर एफेल टावर तक गया। इसकी शुरुआत नारेबाजी के साथ हुई।
एमी ने कहा कि चंडीगढ़ में महिलाओं से छेड़छाड़ एवं अन्य घटनाएं प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। हालात रोज बदतर हो रहे हैं। चाहे वर्णिका का मामला हो या फिर दस साल की बच्ची से दुराचार का। मार्च की शुरुआत मशाल जलाकर हुई। पंजाब यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स, कई एनजीओ और महिलाओं से भरा यह मार्च रोज गार्डन से चला तो सड़क पर जाम की स्थिति बनने लगी।
हालांकि आयोजन कर्ताओं ने चंद मिनट में ही दो लाइनें बनवाईं और जाम की स्थिति खत्म कर दी। मार्च के दौरान ढोल की थाप पर स्टूडे्ंट्स ने जबरदस्त नारेबाजी की। यह मार्च सेक्टर-10 स्थित गवर्नमेंट म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी तक गया। वहां पर महिलाओं ने महिला आजादी से जुड़ी कविताएं सुनाईं और महिला आजादी पर व्याख्यान दिए। इसके बाद यह मार्च दोबारा सेक्टर-16 के रोज गार्डन में खत्म हुआ।
जंजीरों में जकड़ी ममी बनाई
पपेट थिएटर चंडीगढ़ के शुभाशीष ने मार्च के दौरान महिलाओं की त्रासदी को दर्शाती एक ममी तैयार की थी। इसके साथ ही उन्होंने मार्च के खत्म होने पर मार्केट में महिलाओं की आजादी से जुड़ा एक नाटक किया। इसमें भवनेश, बेगमा और वरुण के साथ शुभाशीष शामिल रहे।
चंडीगढ़ में हम आज बैखौफ आजादी की बात कर रहे हैं तो उसके पीछे मकसद है सोते हुए लोगों को जगाना, कानून व्यवस्था को चाक चौबंद करवाना और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति सचेत करना।
बाइकर्स ग्रुप भी आए सपोर्ट में
शहर के दो बाइकर्स ग्रुप एफबीआई (फ्लाइंग बाइक्स ऑन आयरन ब्यू) और हॉली-हॉली सौ ते ने भी इस मार्च में भागीदारी की। हॉली-हॉली सौ ते ग्रुप के सदस्य प्रवीण जग्गी ने कहा कि वह यहां एक वर्णिका नहीं ब्लकि उन सभी युवतियों के लिए आए हैं, जो रोज इस तरह का सामना करती हैं। लड़कियों, युवतियों का पीछा सभी जगह हो रहा है। ये अब बंद होना चाहिए।