रूसी सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश का इन दिनों पूरे देश में विरोध हो रहा है। रूस सरकार की इंवेस्टिगेटिव समिति ने डॉक्टरों को कहा है कि वह 16 साल से कम उम्र की देश की हर लड़की का कौमार्य परीक्षण करें। अगर कोई लड़की गर्भवती पाई जाती है या अपना कौमार्य खो चुकी है तो इसकी सूचना पुलिस को दी जाए।
रूसी सरकार के इस कदम का देश में जमकर विरोध हो रहा है। राजनेताओं से लेकर युवाओं तक हर कोई आलोचना कर रहा है लेकिन सरकार कदम पीछे लेने के मूड में नहीं है। वह सोशल मीडिया और अखबारों के जरिये लड़कियों से कौमार्य परीक्षण कराने को कह रही है।
सरकार पीछे हटने के मूड में नहीं!
सोशल मीडिया पर लोगों ने सरकार के कदम के विरोध में मोर्चा खोला हुआ है। लोग लिख रहे हैं कि लड़कियों के कम उम्र में संबंध स्थापित करने से सरकार को परेशानी नहीं होनी चाहिए। यह भी लिखा जा रहा है कि अगर सरकार लड़कियों का कौमार्य परीक्षण करा रही है तो लड़कों का क्यों नहीं?
लोग दलील दे रहे हैं कि अगर सरकार इस हद तक जबरदस्ती करेगी तो लड़कियां अस्पताल आने से हिचकिचाएंगी। भ्रष्टाचार बढ़ने की बात भी कही जा रही है, ऐसे में कि कई परिवार डॉक्टरों को पैसा देकर झूठी रिपोर्ट बनवाएंगे। सरकार ने इससे निपटने के लिए क्या कदम उठाए हैं।
फिलहाल यह मामला थमता नजर नहीं आ रहा क्योंकि सरकार पीछे हटने के मूड में नहीं है।