पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में पुलिस ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) दल पर शिकंजा कसने की कोशिश की है। पुलिस ने जीजेएम के प्रमुख बिमल गुरुंग के दार्जिलिंग में स्थित ऑफिस पर छापेमारी की है। न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक पुलिस ने ऑफिस से हथियार और पैसे बरामद किए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक समर्थक इस छापेमारी से इस कदर नाराज हो गए हैं कि वे बेकाबू हो गए हैं और थाने को भी आग के हवाले कर दिया गया है। पुलिस ने जीजेएम के ऑफिस को सील कर दिया है और हालात पर काबू पाने के लिए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है।
छापेमारी पर सफाई देते हुए कार्यकर्ता बिनय तमांग ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने उनके पुराने उपकरणों को हथियारों की तरह पेश किया है। बिनय ने कहा कि इसी वजह से वे गोरखलैंड, अधिकार, संस्कृति के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
पहले भी GJM के समर्थकों ने पुलिस पर पथराव किया
इससे पहले दार्जिलिंग में अनिश्चितकालीन बंद के दौरान जीजेएम समर्थकों ने कई जगह पुलिस वालों पर पथराव किया था। आंदोलनकारियों ने सरकारी दफ्तरों को बंद कराने का प्रयास किया। उग्र प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
बांग्ला भाषा के साथ-साथ अब अलग गोरखालैंड की मांग के समर्थन में जीजेएम ने बंद की अपील की है। अनिश्चितकालीन बंद के दूसरे दिन गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के समर्थक सरकारी दफ्तरों को जबरन बंद कराते देखे गए। सोमवार को कई सरकारी दफ्तरों में आग लगाने की घटना को देखते हुए तमाम दफ्तरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई।
इस बीच, इलाके की चाय बागान यूनियनों ने भी मंगलवार से दो दिन की हड़ताल बुलाई है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने इस हड़ताल का समर्थन किया है। उधर मोर्चा के नेताओं ने पुलिस वालों पर शांतिपूर्ण तरीके से निकली रैली पर बिना किसी उकसावे के लाठी चार्ज करने का आरोप लगाया है। मोर्चा के महासचिव रोशन गिरि ने कहा कि पुलिस ने बिना वजह लाठीचार्ज किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हमारे खिलाफ जितना बल प्रयोग करेगी, अलग गोरखालैंड राज्य की मांग में आंदोलन उतना ही तेज होगा।