मुख्यमंत्री मनोहर परिकर के लगातार बीमार रहने और बार-बार अस्पताल में भर्ती होने के चलते गोवा में सियासी उठापटक तेज हो गई है।
राज्य में 16 विधायक वाली कांग्रेस के 14 नेता सूबे में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए सोमवार को राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मिलने राजभवन पहुंचे।
हालांकि, राज्यपाल के नहीं मिलने पर दावे की चिट्ठी छोड़कर लौट आए। भाजपा ने कहा कि सहयोगी दल साथ हैं। लिहाजा, सरकार को कोई खतरा नहीं है।
परिकर (68) का पेंक्रियाज (अग्नाशय) की समस्या के चलते दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा है।
40 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 16, जबकि एनसीपी का एक विधायक है। गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता चंद्रकांत कवलेकर ने बताया कि राज्यपाल को विधानसभा भंग कर कांग्रेस को सरकार बनाने का निमंत्रण देने का ज्ञापन सौंपा गया।
कांग्रेस को दूसरी पार्टियों के विधायकों का समर्थन हासिल है। अगर राज्यपाल मौका दें तो पार्टी सरकार बना सकती है। हम विधानसभा में बहुमत साबित कर देंगे।
इससे पहले रविवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता रामलाल, बीएस संतोष और विनय पुराणिक गोवा पहुंचे। उन्होंने सोमवार सुबह राज्य के भाजपा विधायकों, पूर्व विधायकों और कोर कमेटी सदस्यों से मुलाकात कर सियासी हालात का जायजा लिया। इसके बाद रामलाल ने बताया कि नेतृत्व परिवर्तन को लेकर किसी तरह की मांग नहीं है।
सहयोगी दलों को भाजपा का फैसला स्वीकार
रामलाल ने बताया कि जीएफपी, एमजीपी और निर्दलीय विधायकों ने भाजपा के फैसले को स्वीकार करने की बात कही है। फिलहाल, नेतृत्व में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा रहा है। सरकार स्थिर है।
राज्य में भाजपा के 14 विधायक हैं, जो गोवा फारवर्ड पार्टी व एमजीपी के तीन-तीन और राकांपा के एक विधायक के समर्थन से सत्ता पर काबिज है।