पणजी – गोवा के युवा और खेल मामलों के मंत्री रमेश तावड़कर समलैंगिकों पर दिए बयान पर यू टर्न ले लिया है। तावड़कर ने बचाव में कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने कहा कि मंत्री ने अज्ञानतावश ऐसा बयान दिया।
तावड़कर ने सोमवार को कहा था कि समलैंगिकों को सामान्य करने के लिए गोवा सरकार विशेष मुहिम चलाएगी। मंगलवार को उन्होंने कहा कि मेरे बयानों का गलत मतलब निकाला गया। मैं एलजीबीटी (लेस्बियन, गे, बाइसेक्शुअल और ट्रांसजेंडर) युवाओं के बारे में नहीं बल्कि नशीले पदार्थो और यौन दुर्व्यवहार के शिकार युवाओं के संबंध में बात कर रहा था। राज्य की युवा नीति में उन्हें फोकस्ड ग्रुप के तौर पर शामिल किया गया है।
गोवा के मंत्री के बयान की न केवल विपक्षी दलों ने आलोचना की बल्कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी लोगों ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। इससे पहले तावड़कर ने कहा था कि नशा मुक्ति केंद्र की तर्ज पर सरकार समलैंगिकों के लिए विशेष केंद्र खोलने जा रही है, जहां एलजीबीटी समुदाय के युवाओं को उपचार देकर उन्हें सामान्य जिंदगी जीने लायक बनाया जाएगा।
तावड़कर के बचाव में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अज्ञानतावश यह ऐसे बयान दिया। समलैंगिकता को प्राकृतिक बताते हुए मुख्यमंत्री ने एलजीबीटी समुदाय के युवाओं के पुनर्वास के लिए विशेष केंद्र बनाने से भी इनकार किया। उनके मुताबिक समलैंगिकता कोई बीमारी नहीं है। उन्होंने कहा कि जब पत्रकारों ने उनसे एलजीबीटी के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि मैं इस सब्जेक्ट का एक्सपर्ट नहीं हूं।