केंद्र सरकार के गठबंधन ‘एनडीए’ में प्रमुख दल के रूप में शामिल शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की नीतियों पर निशाना साधा है। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुखपत्र ‘सामना’ को दिए एक साक्षात्कार में पीएम मोदी के अच्छे दिनों पर कटाक्ष किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अच्छे दिन सिर्फ सरकार के विज्ञापनों में ही नजर आ रहे हैं, बाकी तो सिर्फ आनंद ही आनंद है। इस दौरान उद्धव ठाकरे ने जीएसटी और इसके लागू करने के तरीके के भी तीखी आलोचना की।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से चीजें हो रही हैं वो गड़बड़ हैं। इन्हें देखते हुए शांत रहना मुश्किल है। फिलहान समझदारी इसी में है कि जो हो रहा है उसे शांति से देखते रहो। लेकिन शिवसेना की विरासत के खून में शांत रहना नहीं है। इसलिए जहां-जहां हमें ठीक नहीं लगता वहां-वहां हम अपने विचार मजबूती से रखते हैं और रख रहे हैं।
साक्षात्कार में जीएसटी के बहाने ठाकरे ने मोदी सरकार पर सत्ता के केंद्रीयकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘विरोध के पीछे हमारा एक ही उद्देश्य है। हमारे यहां सबका केंद्रीयकरण करना है या विकेंद्रीकरण करना है? अगर जिसकी लाठी उसकी बैंस ही राज करने का तरीका है तो राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे। तब उन्होंने पंचायती राज को निचले स्तर तक पहुंचा दिया था। ठीक वैसे ही आज मोदी प्रधानमंत्री हैं और उस स्वायत्तता को खत्म कर सब केंद्र के हाथ में रखने का काम किया जा रहा है।’
उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी की वजह से पिछले चार महीने में पंद्रह लाख लोग बेरोजगार हुए हैं। नौकरियां छूट गईं, जीएसटी की वजह से जिन पंद्रह लाख लोगों की नौकरियां गईं उनकी दाल-रोटी की सरकार द्वारा क्या व्यवस्था है? नोटबंदी में भी सरकार नीतियां सही नहीं थीं, कई लोगों के बेवजह मौत हो गई। हालांकि इस दौरान उन्होंने साफ किया कि इन बातों के लिए केंद्र को उन्हें विरोधी नहीं समझना चाहिए। मैं सरकार का विरोधी नहीं हूं। लेकिन जब मैं या पार्टी कुछ बोलती है तो हमें सरकार का विरोधी मान लिया जाता है। जबकि मैं जनता के लिए बोलता हूं। हम जनता के साथ हैं। वहीं चीन विवाद पर बोलते हुए शिवसेना प्रमुख ने कहा, शिवसेना भाजपा के साथ जरूर है लेकिन पार्टी वॉचमैन की भूमिका निभाती रहेगी।